मेलबोर्न। किडनी की जटिल समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण दिखाई दी है। ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने ऐसी चिकित्सा पद्धति ईजाद की है जिसके प्रयोग से डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की स्थिति से बचा जा सकता है।
मोनाश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पहली बार एंटी–स्कैरिंग एजेंट के साथ स्टेम सेल थैरेपी के प्रभाव का अध्ययन किया। इसके माध्यम से किडनी के क्षतिग्रस्त होने के संकेतकों को बदलना संभव है। ऐसा करने से डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत को कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि परिपक्व स्टेम सेल सेरेलेक्सिन प्रोटीन से मिलकर क्षतिग्रस्त किडनी को ठीक कर सकता है। एनाटॉमी एवं डेवलपमेंट बायोलॉजी विभाग के शेरन रिकार्डो ने कहा कि स्टेम सेल किडनी की बीमारियों समेत कई बीमारियों में कारगर साबित हो चुके हैं। वयस्क स्टेम सेल के इन्हीं प्रभावों को देखते हुए वैज्ञानिकों ने किडनी के घाव को ठीक करने में इसकी संभावित भूमिका पर प्रयोग किया।