आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाज अंकित चाह्वाण केस की सुनवाई कर रही दिल्ली की एक अदालत ने जांच कर रहे पुलिसकर्मियों से गुरूवार को सवाल किया, अगर एक गेंदबाज फिक्स था, तो बल्लेबाज क्या कर रहा था?
अदालत ने कहा कि वह यह सवाल उनके (पुलिसकर्मियों) सामने इसलिये रख रहे हैं क्योंकि वह जानना चाहते हैं कि क्या दिल्ली पुलिस स्पाट फिक्स…
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाज अंकित चाह्वाण केस की सुनवाई कर रही दिल्ली की एक अदालत ने जांच कर रहे पुलिसकर्मियों से गुरूवार को सवाल किया, अगर एक गेंदबाज फिक्स था, तो बल्लेबाज क्या कर रहा था?
अदालत ने कहा कि वह यह सवाल उनके (पुलिसकर्मियों) सामने इसलिये रख रहे हैं क्योंकि वह जानना चाहते हैं कि क्या दिल्ली पुलिस स्पाट फिक्सिंग मामले में किसी बल्लेबाज की भूमिका की जांच कर रही है?
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनय कुमार खन्ना ने पूछा, अगर गेंदबाज फिक्स था, तो बल्लेबाज क्या कर रहा था? गेंदबाज 13 रन कैसे दे रहा था और बल्लेबाज ने भी इतने ही रन बना लिये? अगर वह :बल्लेबाज: इतने रन नहीं बना पाता तो क्या होता?
उन्होंने कहा, जब (अंकित) चव्हाण गेंदबाजी कर रहा था तो बल्लेबाज कौन था? निश्चित रूप से उसके :बल्लेबाज: नियंत्रण में भी कुछ होगा क्योंकि उसने इतने रन बना लिये थे।
न्यायाधीश ने कहा, मुझे हैरानी इस बात की है कि गेंदबाज बिना किसी बल्लेबाज की मदद से इतने रन कैसे दे सकता है। न्यायाधीश ने ये सवाल राजस्थान रायल्स के निलंबित क्रिकेटर अंकित चव्हाण की अंतरिम जमानत याचिका पर जिरह के दौरान उठाये।