अध्यादेश से नहीं, संसद में बहस के बाद आए खाद्य सुरक्षा कानून: भाजपा

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भाजपा ने सरकार को आगाह किया कि वह अध्यादेश के जरिए खाद्य सुरक्षा विधेयक को लागू करने की कोशिश नहीं करे और संसद में बहस के जरिए इसे पारित कराए। भले ही इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाना पड़े या मानसून सत्र को कुछ पहले आहूत किया जाए।

पार्टी के महासचिव राजीव प्रताप रूडी ने यहां कहा, भाजपा को खाद्य सुरक्षा विधेयक को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। यह बहुसंख्य…

अध्यादेश से नहीं, संसद में बहस के बाद आए खाद्य सुरक्षा कानून: भाजपा

भाजपा ने सरकार को आगाह किया कि वह अध्यादेश के जरिए खाद्य सुरक्षा विधेयक को लागू करने की कोशिश नहीं करे और संसद में बहस के जरिए इसे पारित कराए। भले ही इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाना पड़े या मानसून सत्र को कुछ पहले आहूत किया जाए।

पार्टी के महासचिव राजीव प्रताप रूडी ने यहां कहा, भाजपा को खाद्य सुरक्षा विधेयक को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। यह बहुसंख्य लोगों की भलाई के लिए है। गरीबों का पेट भरने के लिए है। इसलिए भाजपा इसका निश्चित रूप से समर्थन करती है। लेकिन हम इस पर संसद में बहस चाहेंगे जबकि सरकार बहस से बचना चाहती है।

उन्होंने कहा कि संसद मैं बहस इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि खुद कांग्रेस के भीतर और उसके सहयोगियों में भी इस विधेयक को लेकर विरोध है। उन्होंने कहा कि एनसीपी नेता और कृषि मंत्री शरद पवार तक ने विधेयक पर शंका जाहिर की है।

रूडी ने कहा, सरकार इसे आपा-धापी में लाना चाहती है जबकि उसके भीतर ही इसे लेकर आम सहमति नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को पारित कराने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने पर भाजपा को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बेहतर यह होगा कि जुलाई में होने वाले संसद के मानसून सत्र को इसी महीने या अगले महीने ही कुछ पहले बुला लिया जाए।