बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बोधगया के धमाकों के बाद कहा कि उन्होंने मंदिर में सुरक्षा एजेंसियों को सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा था लेकिन क्या इस बात का उनके पास कोई जवाब है कि आखिर बार-बार चेतावनी देने के बावजूद आंतकी इन धमाकों को अंजाम देने में कामयाब कैसे रह गए।
बोधगया में आतंकी हमले के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नींद टूटी है और अब व…
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बोधगया के धमाकों के बाद कहा कि उन्होंने मंदिर में सुरक्षा एजेंसियों को सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा था लेकिन क्या इस बात का उनके पास कोई जवाब है कि आखिर बार-बार चेतावनी देने के बावजूद आंतकी इन धमाकों को अंजाम देने में कामयाब कैसे रह गए।
बोधगया में आतंकी हमले के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नींद टूटी है और अब वो पुख्ता सुरक्षा की बात कर रहे हैं। लेकिन अहम सवाल ये है कि जब बार-बार राज्य सरकार को अलर्ट किया जा रहा था तो सरकार आखिर क्यों सोई रही? आईबी के मुताबिक उसने 24 जून को ही बिहार पुलिस को अलर्ट जारी कर दिया था कि महाबोधि मंदिर समते बिहार के कई जगहों पर आतंकी हमले हो सकते हैं। पटना के सिटी एसपी भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि एडीजीपी इससे इनकार करते रहे।
आईबी ही नहीं, इंडियन मुजाहिद्दीन के तीन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद उनसे मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने पिछले साल ही बिहार पुलिस को हमले को लेकर आगाह किया था। लेकिन बिहार सरकार ने शायद उसे भी हल्के में लिया। नतीजा आतंकी अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने में कामयाब रहे।
सवाल ये उठता है कि दिल्ली पुलिस और आईबी की चेतावनी के बावजूद सुरक्षा बंदोबस्त में ऐसी चूक क्यों हुई? सरकार और प्रशासन ने वक्त रहते इन ठिकानों पर सुरक्षा कड़ी क्यों नहीं की? जाहिर है इस लापरवाही को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर सवाल उठेंगे।
क्या नीतीश कुमार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के इन सवालों का जवाब देंगे? बिहार में सुशासन का दावा करने वाले नीतीश कुमार इस आतंकी हमले को लेकर सवालों के घेरे में हैं और उन्हें उसका जवाब देना चाहिए कि आखिर अलर्ट के बाद भी सरकार क्यों सोती रही?