भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने यहां कहा कि यदि भाजपा सत्ता में आयी तो वह आपसी सद्भाव और विश्वास का माहौल तैयार करेगी। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका से कहा कि वह भारत की तरफ एक दीर्घकालिक सामरिक भागीदार की तरह देखे, केवल मोलभाव के संबंधों के रूप में नहीं।
समग्र आव्रजन सुधार विधेयक में उल्लिखित एच-1 बी वीजा से जुड़े मुद्दों पर भारत की चिंताओं को मजबूती क…
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने यहां कहा कि यदि भाजपा सत्ता में आयी तो वह आपसी सद्भाव और विश्वास का माहौल तैयार करेगी। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका से कहा कि वह भारत की तरफ एक दीर्घकालिक सामरिक भागीदार की तरह देखे, केवल मोलभाव के संबंधों के रूप में नहीं।
समग्र आव्रजन सुधार विधेयक में उल्लिखित एच-1 बी वीजा से जुड़े मुद्दों पर भारत की चिंताओं को मजबूती के साथ उठाते हुए सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार भारत अमेरिका संबंधों को नया आयाम देगी जो न केवल विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के हित में होगा बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, स्थिरता तथा समृद्धि का वाहक भी होगा।
अपने वाशिंगटन दौरे के पहले दिन सिंह ने कहा, यदि हम सत्ता में आए तो हम दोनों देशों के बीच आपसी सद्भाव और विश्वास का माहौल तैयार करेंगे ताकि अवधारणात्मक समस्याएं स्वत: ही सुलझ जाएं और उसके बाद आपसी बातचीत के जरिए अन्य ठोस मुद्दों को सुलझाया जा सके।
सिंह ने विभिन्न अमेरिकी थिंक टैंकों के विशेषग्यों, महत्वपूर्ण अमेरिकी सांसदों, नीति निर्माताओं , अधिकारियों , शिक्षाविदों और कोरपोरेट जगत के नेताओं के साथ विभिन्न बैठकों में कहा, अमेरिका को भारत के साथ अपने संबंधों को केवल लेन देन के रूप में नहीं बल्कि दीर्घकालिक सामरिक भागीदारी के रूप में देखना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि इन बैठकों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने भारत के साथ अपनी हताशा को साझा किया , खासतौर से व्यापार और बिजनेस सेक्टर में, जिसके बारे में समझा जाता है कि सिंह ने कहा कि भाजपा सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की पक्षधर है।
राजनाथ सिंह ने कहा, हम आर्थिक सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के बहुत अधिक पक्ष में हैं। यह राजग सरकार के समय में ही था कि व्यापार और वाणिज्यिक स्तर पर भारत अमेरिका संबंधों को और साथ ही सामरिक भागीदारी को और बल दिया गया।
भाजपा सरकार द्वारा आर्थिक सुधार प्रक्रिया को नया प्रोत्साहन दिए जाने का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि भाजपा ने अर्थव्यवस्था के कई महत्वपूर्ण सेक्टरों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का स्वागत किया।
उन्होंने कहा, हालांकि मल्टी ब्रांड रिटेल में अनुमति देने के संबंध में हमारी कुछ चिंताएं थीं, क्योंकि यह पांच करोड़ भारतीयों की आजीविका को गलत तरीके से प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका को भी हमारी चिंताओं को वैसी ही समझना चाहिए जिस प्रकार हम अमेरिका की चिंताओं को समझते हैं।
आव्रजन सुधार विधेयक के प्रावधानों से भारतीय कंपनियों और भारतीयों पर पड़ने वाले असर को रेखांकित करते हुए उन्होंने अमेरिका से इन कड़े प्रावधानों पर पुनर्विचार किए जाने की अपील की।