कांग्रेस ने राजनीतिक दलों को आरटीआई कानून के दायरे में लाने संबंधी सीआईसी के निर्णय से पूरी तरह असहमति जताई और कहा कि इस तरह की अति क्रांतिकारिता से लोकतांत्रिक संस्थाओं को नुकसान होगा।
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, हम इससे पूरी तरह असहमत है। हमें यह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि इस तरह की अति क्रांतिकारिता के चक्कर…
कांग्रेस ने राजनीतिक दलों को आरटीआई कानून के दायरे में लाने संबंधी सीआईसी के निर्णय से पूरी तरह असहमति जताई और कहा कि इस तरह की अति क्रांतिकारिता से लोकतांत्रिक संस्थाओं को नुकसान होगा।
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, हम इससे पूरी तरह असहमत है। हमें यह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि इस तरह की अति क्रांतिकारिता के चक्कर में हम कहीं बहुत बड़ा नुकसान न कर बैठें।
केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने कल कहा था कि राजनीतिक पार्टियां सार्वजनिक प्राधिकार हैं और आरटीआई अधिनियम के तहत नागरिकों के प्रति जवाबदेह हैं।
सीआईसी ने कहा था कि छह राष्ट्रीय पार्टियां कांग्रेस, भाजपा, राकांपा, माकपा, भाकपा और बसपा का परोक्ष रूप से केन्द्र सरकार की ओर से खासा वित्तपोषण किया गया है और आरटीआई अधिनियम के तहत उनकी प्रकृति सार्वजनिक प्राधिकार की है क्योंकि वे सार्वजनिक कृत्य करती हैं।
सीआईसी की पूर्णपीठ के आदेश के बाद पार्टियां अपने कोष के स्रोतों और अन्य मुद्दों पर नागरिकों के प्रति जवाबदेह होंगी कि वे कैसे धन खर्च करती हैं और चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन कैसे करती हैं।द्विवेदी ने सीआईसी के कल के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जितनी भी संस्थायें हैं वे सब कानून और संविधान से पैदा हुई हैं। लोकतंत्र की परिकल्पना के बाद संविधान का निर्माण हुआ है। किसी भी लोकतंत्र में यह सब करने वाले राजनीतिक दल हैं।
द्विवेदी ने कांग्रेस के संविधान का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला उद्देश्य भारत के लोगों की भलाई और उन्नति है तथा शांतिमय और संवैधानिक उपायों से भारत में समाजवादी राज्य कायम करना है, जो संसदीय जनतंत्र पर आधारित हो, जिसमें अवसर और राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक अधिकारों की समानता हो तथा जिसका लक्ष्य विश्व शांति और विश्व बंधुत्व हो।
उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विधि या कानून द्वारा प्रतिष्ठापित भारतीय संविधान और समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची निष्ठा और वफादारी घोषित करती है और वह भारत की संप्रभुता और एकता की सुरक्षा करेगी।
द्विवेदी ने कहा कि इन मूल्यों की रक्षा करनी है तो यह दवाब बनाना होगा कि विचारधारा ठीक हो । उन्होंने कहा कि इस तरह की अनावश्यक बातों में उलझकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को चोट पहुंचती है।