उत्तराखंड बाढ़: 16 दिन बाद भी हालात बेकाबू

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उत्तराखंड में बर्बादी की बाढ़ को आए 16 दिन हो चुके हैं लेकिन हताहतों और फंसे लोगों पर सरकार की ओर से आंकड़ों में जो अंतर दिखा है उसने सरकार की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

उत्तराखंड में आई आपदा के 16 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन अभी भी लगभग एक हजार लोगों को निकाला जाना बाकी है, पर उससे भी ज्यादा फिक्र उन लोगों की है जो लापता है। हालांकि अब रा…

उत्तराखंड बाढ़: 16 दिन बाद भी हालात बेकाबू

उत्तराखंड में बर्बादी की बाढ़ को आए 16 दिन हो चुके हैं लेकिन हताहतों और फंसे लोगों पर सरकार की ओर से आंकड़ों में जो अंतर दिखा है उसने सरकार की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

उत्तराखंड में आई आपदा के 16 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन अभी भी लगभग एक हजार लोगों को निकाला जाना बाकी है, पर उससे भी ज्यादा फिक्र उन लोगों की है जो लापता है। हालांकि अब राज्य सरकार लापता लोगों का आंकड़ा करीब तीन हजार बता रही है, हालांकि संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक तो ये आंकड़ा करीब 11 हजार है। उधर मृतकों की संख्या पर उत्तराखंड के सीएम पिछले 4 दिन से एक ही आंकड़ा गिना रहे हैं।

आंकड़ों की बाजीगरी दिखा रहे राज्य के मुख्यमंत्री उन लोगों का दर्द नहीं समझ पा रहे जो अब भी अपनों का इंतजार कर रहे हैं। आंकड़ों पर बढ़ते सस्पेंस से अंदाजा लग सकता है कि तबाही के 16 दिन बाद भी हालात कितने काबू में हैं। राज्य सरकार के लचर रवैये से खुद देश की सबसे बड़ी आपदा प्रबंधन अथॉरिटी परेशान है। मजबूर होकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के उपाध्यक्ष शशिधर रेड्डी को कैमरे पर कहना पड़ा कि सरकार के आंकड़े भ्रम फैला रहे हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के यह आरोप बेहद गंभीर हैं। उत्तराखंड जैसी त्रासदी इस देश ने पहले कभी नहीं देखी लेकिन कोई भी सरकार आपदा के 16 दिन बाद सिर्फ तर्क देकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती। ऐसी संवेदनहीनता ने राज्य सरकार से लोगों का भरोसा तोड़ दिया है।