कांग्रेस विफलता छिपाने के लिए सेक्यूलर का मुद्दा उठा रही है :भाजपा

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया कि वे केवल अपने प्रशासन की असफलताएं और भ्रष्टाचार छिपाने के लिए धर्मनिरपेक्षता की बात कर रहे हैं।

नायडू ने कहा,  कांग्रेस अपनी असफलताओं और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए इस मुद्दे को उठा रही है। यह निरर्थक बहस है। लोग जानते हैं कि कौन धर्मनिरपेक्ष ह…

कांग्रेस विफलता छिपाने के लिए सेक्यूलर का मुद्दा उठा रही है :भाजपा

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया कि वे केवल अपने प्रशासन की असफलताएं और भ्रष्टाचार छिपाने के लिए धर्मनिरपेक्षता की बात कर रहे हैं।

नायडू ने कहा,  कांग्रेस अपनी असफलताओं और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए इस मुद्दे को उठा रही है। यह निरर्थक बहस है। लोग जानते हैं कि कौन धर्मनिरपेक्ष है और कौन नहीं। जो केंद्रीय मंत्रिमंडल में मुस्लिम लीग को हिस्सा बनाते हैं, ऐसे प्रधानमंत्री को धर्मनिरपेक्षता पर बोलने का अधिकार नहीं है।

उन्होंने आगे कहा,  क्या मुस्लिम लीग धर्मनिरपेक्ष है? क्या एमआईएम धर्मनिरपेक्ष है? कांग्रेस और एमआईएम आपसी सहयोग से हैदराबाद में सत्ता में क्यों हैं?

नायडू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्ष कहने संबंधी प्रधानमंत्री के बयान के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह बात कही। उन्होंने कहा,  क्या वह :नीतीश कुमार : भाजपा से अलग होने के बाद धर्मनिरपेक्ष बन गए? क्या वह पहले धर्मनिरपेक्ष नहीं थे?

नायडू ने कहा,  लोग नासमझ नहीं हैं। विकास की बात कीजिए, वृद्धि दर की बात कीजिए, काले धन को वापस लाने की बात कीजिए। लेकिन प्रधानमंत्री अपनी असफलताओं के कारण इस संबंध में बात करने के लिए तैयार नहीं है।

 नायडू ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी में उत्साह, विकास और निर्णय लेने की क्षमता के गुण है जिनका संप्रग में अभाव है। वह प्रधानमंत्री के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि लोग जानते हैं कि नरेंद्र मोदी क्या हैं।

मोदी की अयोध्या की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,  यह हिंदुत्व की ओर लौटना नहीं है। हमारा एजेंडा देश का तेज विकास करना है। वह संत रामचंद्र परमहंसजी के कार्यक्रम के लिए अयोध्या जा रहे हैं। यह आपने समाचार पत्रों में भी पढा होगा। नरेंद्र भाई आडवाणी से मिल रहे हैं। इसमें विशेष क्या है। आडवाणी जी हमारे नेता हैं

नायडू ने जद यू के भाजपा से अलग होने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण और कष्टप्रद करार देते हुए कहा,  वे यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि उन्होंने भाजपा से गठबंधन क्यों तोड़ा। भाजपा पहले जैसी है, उसका नेतृत्व पहले जैसा है और उसका एजंेडा भी वही है। जद यू के नेता राजग सरकार में मंत्री थे। जद यू ने इससे पहले गुजरात के विकास की प्रशंसा की थी। उन्होंने मोदी की प्रशंसा में कथित रूप से नीतीश द्वारा दिए बयानों का भी जिक्र किया।

नायडू ने कहा,  उनके अलग होने का कारण स्पष्ट नहीं है इसलिए मुझे लगता है कि इसके पीछे कोई और कारण है। उन्हें बताना होगा कि यह कारण क्या है। मंत्रियों को बर्खास्त करना और इस प्रकार के कदम उठाना सही नहीं है। नायडू ने जद यू के जाने के बाद राजग के कमजोर होने की बात पर असहमति जताते हुए कहा कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनावों में पर्याप्त सीटों पर जीत मिलेगी।

उन्होंने कहा,  मुझे पूरा भरोसा है कि जो लोग कांग्रेस के खिलाफ हैं वे आखिरकार भाजपा से हाथ मिलाएंगे। उन्होंने तीसरे मोर्चे या संघीय मोर्चे के गठन की चर्चा पर कहा कि जब संभावित घटक अपने अपने राज्यों में एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते तो यह गठबंधन वास्तविकता में कैसे बदल सकता है।

नायडू ने आंध्र प्रदेश में तेदेपा, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस, पश्चिम बंगाल में वाम और तृणमूल कांग्रेस तथा तमिलनाडु में द्रमुक और अन्नाद्रमुक का उदाहरण दिया। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में कल हुए विस्तार का जिक्र करते हुए कहा कि संप्रग दो की सत्ता के आखिरी वर्ष में इस प्रकार के बदलाव कांग्रेस की मदद नहीं करेंगे।