कालेधन पर एक और करारा प्रहार, जल्द तय होगी घर में कैश रखने की सीमा

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नई दिल्लीः कालेधन पर एक और करारा प्रहार करने के लिए सरकार घरों में नकदी रखने की सीमा तय कर सकती है। नोटबंदी के बाद लगातार चल रही छापेमारी में भारी मात्रा में नकदी पकड़ाने के मद्देनजर वित्त मंत्रालय नकदी सीमा तय करने की जरूरत महसूस कर रहा है। खबर है कि मंत्रालय विभिन्न एजेंसियों के साथ इस बात पर विचार कर रहा है कि आखिर घरों में नकदी रखने की सीमा क्या हो। सूत्रों की मानें तो मंत्रालय इस संबंध में जल्द फैसला लेकर इसकी घोषणा कर सकता है।

दरअसल, कालेधन पर बनी एसआईटी के अध्यक्ष जस्टिस एमबी शाह और उपाध्यक्ष अरिजित पसायत ने वित्त मंत्री अरुण जेतली को पत्र लिखकर कहा है कि अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं की गई तो नोटबंदी प्रभावी साबित नहीं होगी। इस चिट्ठी में दोनों ने कहा कि अगर नकदी सीमा तय नहीं हुई तो लोग फिर से कालाधन जमा कर लेंगे।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) के पूर्व अध्यक्ष सुधीर चंद्र की अध्यक्षता वाली समिति ने भी निजी इस्तेमाल के लिए नकदी रखने की सीमा तय करने की सिफारिश की थी। समिति का सुझाव था कि तय सीमा से ज्यादा कैश जब्त कर लिया जाना चाहिए। समिति ने इस संबंध में केरल हाई कोर्ट के एक ऑर्डर का हवाला दिया था। बहरहाल, अगर घरों में कैश रखने की लिमिट तय होती है तो इनकम टैक्स ऐक्ट 1961 में जरूरी संशोधन करना होगा।

15 लाख हो सकती है सीमा
* कालाधन पर गठित एसआईटी के अध्यक्ष जस्टिस एमबी शाह और उपाध्यक्ष अरिजित पसायत ने भी इस सिलसिले में सरकार को सुझाव दिया है।
* इन दोनों ने वित्त मंत्री अरुण जेतली को पत्र लिखकर कहा है कि अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं की गई तो नोटबंदी का कोई असर नहीं होगा।
* पत्र में हालांकि नकदी रखने की अधिकतम सीमा स्पष्ट नहीं की गई है लेकिन माना जा रहा है कि यह सीमा 15 लाख रुपए तय की जा सकती है।
* एसआईटी ने जुलाई में वित्त मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में 15 लाख से अधिक कैश रखने के लिए आयकर आयुक्त से अनुमति की सिफारिश की थी।
* एसआईटी ने यह भी कहा था कि कोई खाते से 3 लाख रुपए से अधिक निकालता है, तो इसकी सूचना वित्तीय खुफिया इकाई और आयकर विभाग को दी जानी चाहिए।

सीमा से अधिक नोट जब्त करने का सुझाव
* केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुधीर चंद्र की अध्यक्षता वाली समिति ने भी निजी इस्तेमाल के लिए नकदी रखने की सीमा तय करने की सिफारिश की थी। समिति का कहना था कि एक निश्चित सीमा से अधिक नकदी पाए जाने पर उसे सरकार को जब्त कर लेना चाहिए। समिति ने इस संबंध में केरल उच्च न्यालय के एक निर्णय का हवाला दिया था।