भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार व गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की 23 जनवरी को गोरखपुर में होने वाली रैली कड़ी सुरक्षा में होगी। आइएसआइ के इशारे पर 21 वर्ष पहले 23 जनवरी को ही गोरखपुर के मेनका टाकीज में बम विस्फोट हुआ था। इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।
खुफिया ब्यूरो ने हमेशा की तरह राज्य सरकार को सुरक्षा के बाबत आगाह किया है, लेकिन गोरखपुर की मुकामी पुलिस अतीत की घटनाओं से सबक लेकर कुछ ज्यादा सक्रियता बरत रही है।
गोरखपुर में मोदी की रैली को लेकर डीआइजी ने पुलिस महानिदेशालय से भारी फोर्स की मांग की है। तैयारी के दौरान पुलिस को यह इनपुट मिला कि जिस दिन मोदी की रैली है, 21 साल पहले उसी दिन गोरखपुर के मेनका टाकीज में तिरंगा फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आइएसआइ ने विस्फोट कराया था।
इस मामले में नेपाल सरकार के मंत्री स्व. मिर्जा दिलशाद बेग व गामा जैसे लोगों को अभियुक्त बनाया गया। उसके बाद फिर गोरखपुर में देशद्रोही ताकतों ने कई धमाके किए। आतंकी गुटों के निशाने पर रहे मोदी को लेकर खुफिया एजेंसियों ने सरकार को सावधान किया है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी की जा रही है।
इस सिलसिले में पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था अमरेंद्र कुमार सेंगर ने बताया कि डीआइजी ने काफी फोर्स मांगा है। हम समीक्षा कर रहे हैं। हमने उनसे यह पूछा है कि जिला और रेंज से क्या पुलिस फोर्स दी गई है। उसी अनुपात में मुख्यालय से फोर्स भेजी जाएगी। समीक्षा के बाद फोर्स का निर्धारण कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अभी वाराणसी में हुई मोदी की रैली के लिए पांच एसपी, 10 एएसपी और 22 डीएसपी के अलावा 15 कंपनी पीएसी, एक कंपनी आरएएफ, 700 सिपाही, 20 इंस्पेक्टर, 100 सब इंस्पेक्टर और महिला तथा यातायात पुलिसकर्मी उपलब्ध कराये गए थे।