बिहार के सारण जिले में एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में मिड-डे मील विषाक्तता के बारे में प्रदेश के शिक्षा मंत्री पीके शाही ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान यह स्पष्ट है कि मिड-डे मील में जहर मिला हुआ था। शाही ने इसे विपक्षी दलों की साजिश बताते हुए दावा किया कि प्रारंभिक जांच के दौरान यह स्पष्ट है कि मिड-डे मील में जहर…
बिहार के सारण जिले में एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में मिड-डे मील विषाक्तता के बारे में प्रदेश के शिक्षा मंत्री पीके शाही ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान यह स्पष्ट है कि मिड-डे मील में जहर मिला हुआ था। शाही ने इसे विपक्षी दलों की साजिश बताते हुए दावा किया कि प्रारंभिक जांच के दौरान यह स्पष्ट है कि मिड-डे मील में जहर मिला हुआ था और यह फूड पाइजनिंग का मामला नहीं है।
राजद का नाम लिए बिना शाही ने कहा कि ग्रामीणों ने बताया कि एक दल विशेष के सक्रिय कार्यकर्ता अर्जुन राय के किराना दुकान से स्कूल में सामग्री की आपूर्ति की जाती है। अर्जुन राय धरमसाती गंडामन गांव में स्थित उक्त नवसृजित विद्यालय की प्रभारी हेड मिस्ट्रेस मीना देवी के पति हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस मामले में मीना देवी सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है, जो अपने पति सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ इस घटना के बाद से फरार हैं।
शाही ने बताया कि मीना देवी वर्ष 2011 में धरमसाती गंडामन गांव में स्थित उक्त नवसृजित विद्यालय में प्रतिनियुक्ति के पूर्व बहुआरा मध्य विद्यालय में पदस्थापित थीं और उनकी प्रतिनियुक्ति मशरख प्रखंड के तत्कालीन शिक्षा पदाधिकारी प्रबोध कुमार ने की थी। ऐसी अपुष्ट सूचना है कि उनकी प्रतिनियुक्ति किसी राजनीतिक दबाव के अंतर्गत की गयी थी।
उन्होंने बताया है कि अर्जुन राय की धरमासती बाजार में किराना की दुकान है और वहां से मीना देवी स्कूल के लिए सामानों की खरीद किया करती थीं। अर्जुन राय मशरख में दल विशेष के प्रभावशाली माने जाने वाले धुव्र राय के चचेरे भाई हैं और वे एक बडे राजनेता के करीबी हैं।
छपरा में मिड-डे मील से 22 की मौतबिहार के सारण जिले में मध्यान भोजन मामले में दो और बच्चों के दम तोड देने से मृतक संख्या आज बढ़कर 22 हो गई। इस बीच राज्य सरकार ने संदेह जताया कि भोजन जहरीला था। सभी बच्चे छपरा के मसरख प्राइमरी स्कूल में पढ़ते थे। मंगलवार को मिड डे मील की खिचड़ी इनके लिए मौत का निवाला बन गई।
मधुबनी में मिड-डे मील खाने से 50 बच्चे बीमारएक अन्य घटना में मधुबनी जिले में एक सरकारी प्राइमरी विद्यालय में मिड-डे मील योजना के तहत दिया गया भोजन खाने के बाद 50 छात्र बीमार पड़ गए। मधुबनी से करीब 22 किलोमीटर दूर नवतोलिया माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को भोजन परोसा गया था। छात्रों ने आरोप लगाया है कि भोजन में मरी हुई छिपकली मिली। बिहार के शिक्षा मंत्री पी के शाही ने पटना में संवाददाताओं से कहा, ‘सब्जी पकाने में इस्तेमाल तेल से दुर्गंध आ रही थी। चिकित्सकों को भोजन और उल्टी में जैविक फॉसफोरस मिला है। इसका मतलब है कि बच्चों को जहरीला भोजन दिया गया।’ शाही ने इसमें साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि जांच से यह पता चल पाएगा कि बच्चों को जहरीला दुर्घटनावश दिया गया या ऐसा जानबूझकर किया गया।
केंद्र ने बिहार सरकार से मांगी रिपोर्टबिहार में मिड-डे मील खाने से 22 बच्चों की मृत्यु के मामले में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है और बच्चों की मौत के पीछे विषाक्त भोजन के सेवन की आशंका जताई है। मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘यह बहुत दुखद घटना है और हमें बच्चों की मौत को लेकर गहरा दुख है।’ अधिकारियों के मुताबिक मंत्रालय ने बिहार सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है, वहीं स्कूली शिक्षा सचिव राजर्षि भट्टाचार्य ने बुधवार सुबह बिहार के मुख्य सचिव से बातचीत की।
पासवान ने नीतीश से मांगा इस्तीफामिड-डे मील खाने से 22 स्कूली बच्चों की मौत के लिए बिहार सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए लोजपा नेता राम विलास पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि घटना की जांच उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश द्वारा करानी चाहिए। पासवान ने पीडि़तों के परिजनों को दिये जाने वाला मुआवजा बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि कम से कम 20 लाख रुपये दिये जाने चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्श समिति के सदस्य पासवान ने आरोप लगाया कि योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार है।