उत्तराखंड में आई आपदा पर जहां राज्य सरकार की जमकर आलोचना हो रही हैं वहीं केंद्र सरकार की भी कुछ ऐसी ही दशा है। सरकार ने खबर के मीडिया में आने के बाद आनन-फानन में राहत सामग्री से भरे ट्रक रवाना तो कर दिए लेकिन उसके बाद उनकी कोई जानकारी नहीं ली। सभी ट्रक ऋषिकेश पहुंच चुके हैं लेकिन राहत सामग्री की सुपुर्दगी लेने वाला कोई नहीं है।
एक टीवी चैनल द्वारा…
उत्तराखंड में आई आपदा पर जहां राज्य सरकार की जमकर आलोचना हो रही हैं वहीं केंद्र सरकार की भी कुछ ऐसी ही दशा है। सरकार ने खबर के मीडिया में आने के बाद आनन-फानन में राहत सामग्री से भरे ट्रक रवाना तो कर दिए लेकिन उसके बाद उनकी कोई जानकारी नहीं ली। सभी ट्रक ऋषिकेश पहुंच चुके हैं लेकिन राहत सामग्री की सुपुर्दगी लेने वाला कोई नहीं है।
एक टीवी चैनल द्वारा दिखाई गई खबर के अनुसार सरकार ने जो ट्रक रवाना किए थे उन्हें यूपी में घूसते ही पुलिस ने रोक लिया था। जब टीवी चैनल के पत्रकार ने इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो पुलिस अधिकारी ने बताया कि नो एंट्री के समय में भारी वाहनों को ले जाने की इजाजत नहीं है और अगर वह ऐसा करने की आज्ञा देता है तो उसकी नौकरी चली जाएगी।
हालांकि जब ट्रक ड्राइवरों ने बताया कि वह उत्तराखंड आपदा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे हैं तो पुलिस ने उनसे आज्ञा पत्र मांगा जो उनके पास नहीं था। इसके बाद पूरा दिन ट्रक खड़े रहे और रात होने पर उन्हें जाने दिया गया। इसके बाद ट्रक ड्राइवरों के साथ सरकार ने सबसे बड़ा मजाक यह किया कि उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि कौन इस सामान को लेगा और उन्हें इसको कहां उतारना है।
सोनिया गांधी ने तो हरी झंडी दिखाकर इन ट्रकों को रवाना कर दिया लेकिन अब ट्रक ऋषिकेश में ही खड़े हैं और उनके पास खर्च के लिए तो भी पैसे थे वह भी खत्म हो चुके हैं। सरकार ने ड्राइवरों को ट्रकों में ईधन भराने के लिए तो कूपन दे दिए लेकिन उनके खाने-पीने और रहने की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई। अब ट्रक ड्राइवरों को चिंता सताने लगी हैं कि उनकी भाड़ा तो मिलना दूर उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं है वह कब घर वापस लौटेंगे।