नहीं रहे विद्याचरण शुक्ल, नक्सल हमले के 18वें दिन बाद हुईं मौत

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ला की आज मौत हो गई। गुड़गांव स्थि मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल में भर्ती शुक्ल को छत्तीसगढ में हुए नक्सली हमले में तीन गोलियां लगी थी।

गौरतलब है गत 25 मई को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के सुकमा इलाके में हुए नक्सली हमले में कुल 29 कांग्रेसी नेताओं की मौत हुए थी। नक्सली हमले में शुक्ल तीन गोलियां लगने के बाद अगले दिन ही…

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ला की आज मौत हो गई। गुड़गांव स्थि मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल में भर्ती शुक्ल को छत्तीसगढ में हुए नक्सली हमले में तीन गोलियां लगी थी।

गौरतलब है गत 25 मई को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के सुकमा इलाके में हुए नक्सली हमले में कुल 29 कांग्रेसी नेताओं की मौत हुए थी। नक्सली हमले में शुक्ल तीन गोलियां लगने के बाद अगले दिन ही एयर लिफ्ट कर रायपुर से गुड़गांव के मेदांता अस्पताल लाया गया था।

मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती के बाद शुरुआत में शुक्ल की हालत में सुधार हुआ, लेकिन एक हफ्ते बाद ही हालत फिर बिगड़ने लगी और.इनफेक्शन के चलते उनके अंग काम करना बंद कर दिए। डॉक्टरों के मुताबिक शुक्ल का देहांत मंगलवार दोपहर को हो गया।

विद्याचरण शुक्ल मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल के छोटे बेटे थे। वह महज 29 साल की उम्र में महासमुंद से सांसद बने थे और उस वक्त सबसे कम उम्र के सांसद थे। उसके बाद शुक्ल इंदिरा कैबिनेट में कई पदों पर रहे। इमरजेंसी के दौरान इंद्र कुमार गुजराल को हटाकर शुक्ल को ही सूचना और प्रसारण मंत्री बनाया गया।

उल्लेखनीय है नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में परिवर्तन यात्रा निकाल रहे कांग्रेसियों पर हमला किया था। कांग्रेसी नेता सुकमा में एक रैली संबोधित कर लौट रहे थे, जब उन पर दरभा घाटी में हमला किया गया।

इस हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व मंत्री और सलमा जुडूम के प्रणेता महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत 27 लोग मारे गए थे. जबकि 31 घायल हुए थे।