नैतिकता के आधार पर श्रीनिवासन को इस्तीफा देना चाहिए: खेल मंत्रालय

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एन श्रीनिवासन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है और आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में जांच पूरी होने तक बीसीसीआई अध्यक्ष से इस्तीफा मांगने वालों की सूची में आज खेल मंत्रालय का नाम भी जुड़ गया।

आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला, बोर्ड उपाध्यक्ष अरूण जेटली और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे वरिष्ठ बोर्ड अधिकारियों के श्रीनिवासन से दूर रहने की मांग करने के…

नैतिकता के आधार पर श्रीनिवासन को इस्तीफा देना चाहिए: खेल मंत्रालय

एन श्रीनिवासन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है और आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में जांच पूरी होने तक बीसीसीआई अध्यक्ष से इस्तीफा मांगने वालों की सूची में आज खेल मंत्रालय का नाम भी जुड़ गया।

आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला, बोर्ड उपाध्यक्ष अरूण जेटली और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे वरिष्ठ बोर्ड अधिकारियों के श्रीनिवासन से दूर रहने की मांग करने के बाद मंत्रालय ने भी उन्हें बाहर करने की मांग की है। खेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘बीसीसीआई मैच और स्‍पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच कर रहा है। जांच में हितों का टकराव है, इसलिए बीसीसीआई अध्यक्ष को जांच का नतीजा सामने आने तक नैतिक कारणों से इस्तीफा देना चाहिए।

बता दें कि श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपरकिंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन को पुलिस ने सट्टेबाजी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।बीसीसीआई की तीन सदस्यीय जांच समिति मयप्पन और राजस्थान रायल्स के तीन खिलाडि़यों तथा इस फ्रेंचाइजी और चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही है। कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति टी जयराम चाउता, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले आयोग के सदस्य होंगे।

खेल मंत्रालय ने कहा कि वे मामले पर नजर रखे हुए हैं और साथ ही खेलों के लिए मजबूत भ्रष्टाचार रोधी कानून लाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। बयान के अनुसार, ‘युवा मामले और खेल मंत्रालय सभी खेलों में अनुचित कार्यों पर लगाम कसने का पक्षधर है। कानून मंत्रालय द्वारा तैयार विधेयक के मसौदे पर मंत्रालय अपनी प्रतिक्रिया भेजेगा और कानून मंत्रालय और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर मैच और स्पाट फिक्सिंग के खिलाफ समग्र कानून तैयार करने की दिशा में काम करेगा।’ इस बीच मंत्रालय ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि वह खेल में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सट्टेबाजी को वैध बनाने के पक्ष में है।

लेकिन श्रीनिवासन अपने अडि़यल रवैये पर डटे हुए हैं, उनका कहना है कि वह बीसीसीआई की जांच में बिल्‍कुल भी दखल नहीं करेंगे, लेकिन अपने पद से इस्‍तीफा नहीं देंगे। वह हर बार यही कह रहे हैं कि उन्‍होंने काई जुर्म नहीं किया है और मामले की जांच अभी चल रही है। अभी सिर्फ आरोप लगाए जा रहे हैं, वे सिद्ध नहीं हुए हैं।