ऑपरेशन साईं’ को अंजाम तक पहुंचाने में नारायण साईं के पिता आसाराम बापू के ही एक भक्त ने दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की मदद की। मुखबिर बना भक्त तीन दिन से लगातार क्राइम ब्रांच के संपर्क में था। पुलिस साईं को लुधियाना से ही गिरफ्तार कर लेती, लेकिन लास्ट टाइम में साईं बताए समय से कुछ पहले ही दिल्ली के लिए कूच कर गए। साईं को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच के तेज-तर्रार डीसीपी कुमार ज्ञानेश और एसीपी केपीएस मल्होत्रा की चार टीमों को लगाया गया था।
लगी थीं चार टीमें
साईं को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की पहली टीम दिल्ली से अंबाला के लिए संडे शाम करीब 5 बजे भेजी गई थी। मुखबिर से मिली सूचना पर मंगलवार दोपहर 1:30 बजे दूसरी टीम और फिर मामले की गंभीरता को देखते हुए शाम करीब 4 बजे दो और टीमों को लुधियाना भेजा गया। चारों टीमों में 31 पुलिस अफसर और जवानों को पंजाब के लिए रवाना किया गया था।
मैं नहीं हूं साईं
क्राइम ब्रांच के अडिशनल कमिश्नर रवींद्र यादव ने बताया कि जब साईं को पकड़ा गया था, तब उन्होंने अपने को साईं मानने से इनकार कर दिया था। वह पुलिस के सामने कुछ नहीं बोले और चुप रहे। उनके साथियों ने भी अपने-अपने नाम गलत बताए थे। लेकिन क्राइम ब्रांच को यह कन्फर्म था कि वह साईं ही हैं। इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर दिल्ली रोहिणी सेक्टर-18 क्राइम ब्रांच के ऑफिस लाया गया। अपने बचने के सारे रास्ते बंद होते देख यहां साईं ने मान लिया कि हां, वह वहीं नारायण साईं है जिसकी गुजरात पुलिस को तलाश है
मिले छह मोबाइल
पुलिस ने उनकी गाड़ी से रुपये, 6 मोबाइल फोन और कुछ कपड़ों की बरामदगी के अलावा कुछ जड़ी-बूटी भी जब्त की। उनकी गाड़ी में स्टोव और कुछ बर्तन भी मिले बताए गए हैं। अभी तक की जांच में पता लगा है कि वह दिल्ली भी रहा था। पुलिस ने बताया कि 5 अक्टूबर को जब साईं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
सरेंडर करने आ रहा था?
रेप मामले में अरेस्ट नारायण साईं की ओर से कोर्ट में दावा किया गया कि उसे इस मामले में गलत फंसाया गया है और वह सरेंडर करने के लिए यहां आया था। साईं के वकील ने ट्रांजिट रिमांड का विरोध करते हुए यह दलील दी। कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में नारायण साईं और अन्य दो को एक दिन की ट्रांजिट रिमांड पर गुजरात पुलिस को सौंप दिया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नारायण साईं को गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट धीरज मोर की कोर्ट में पेश किया।
पुलिस ने साईं के साथ उसके सहयोगी रमेश मल्होत्रा और कौशल ठाकुर उर्फ भक्त हनुमान को भी अरेस्ट किया था। अन्य दो के साथ साईं की ट्रांजिट रिमांड दिए जाने की मांग करते हुए गुजरात पुलिस के जांच अधिकारी ने कोर्ट में कहा कि वे लोग आरोपी को मामले से संबंधित कोर्ट में पेश करने के लिए गुजरात ले जाना चाहते हैं। साईं की ओर से पेश वकील प्रदीप राणा ने गुजरात पुलिस की दलील का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को फंसाया गया है और वह कोर्ट में सरेंडर करने वाले थे।