पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी पर लगेगी मुहर!

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मिशन 2014 की तैयारी में जुटी बीजेपी ने अपना सेनापति चुन लिया है अब सिर्फ औपचारिक ऐलान बाकी है। माना जा रहा है कि बीजेपी जल्द ही पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी पर मुहर लगाने जा रही है।

पहले चुनाव प्रचार अभियान समिति की कमान और फिर चुनाव का खाका तैयार करने की जिम्मेदारी देने के बाद अब पार्टी नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री का चेहरा बनाकर उत…

पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी पर लगेगी मुहर!

मिशन 2014 की तैयारी में जुटी बीजेपी ने अपना सेनापति चुन लिया है अब सिर्फ औपचारिक ऐलान बाकी है। माना जा रहा है कि बीजेपी जल्द ही पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी पर मुहर लगाने जा रही है।

पहले चुनाव प्रचार अभियान समिति की कमान और फिर चुनाव का खाका तैयार करने की जिम्मेदारी देने के बाद अब पार्टी नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री का चेहरा बनाकर उतारेगी।

माना जा रहा है कि आरएसएस की तरफ से सहमति मिलने के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी मना लिया गया है। साथ ही एनडीए में भी मोदी के नाम पर भी असहमति की गुंजाइश कम ही है और इस महीने के अंत तक इस का ऐलान हो सकता है।

पहले चुनाव प्रचार अभियान समिति की कमान और फिर चुनाव का खाका तैयार करने की जिम्मेदारी देने के बाद अब तय हो गया है कि पार्टी नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री का चेहरा बनाकर उतारेगी। आरएसएस का सहमति के बाद अब सिर्फ औपचारिक ऐलान बाकी है।

माना जा रहा है कि बीजेपी जल्द ही पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी पर मुहर लगाने जा रही है और इस महीने के अंत तक इस का ऐलान हो सकता है। देश के बदलते सियासी माहौल में लोकसभा चुनवा की आहट के बीच बीजेपी ने अपना रुख साफ कर लिया है।

दरअसल 4 और 8 जुलाई को संसदीय बोर्ड की बैठक में मोदी को कई अधिकारों से लवरेज किया गया। मोदी की ताजोपोशी से नाराज चल रहे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के अलावा पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की आरएसएस प्रमुख से मुलाकत को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

माना ये भी जा रहा है कि जेडीयू के गठबंधन से बाहर निकलने के बाद अब एनडीए में भी मोदी का कोई विरोधी नहीं रहा। साथ ही बीजेपी पीएम पद के लए मोदी पर मुहर लगा कर 2014 की जंग में शुरुआती बढ़त लेन की रणनीति पर काम कर रही है। लेकिन सूत्रों की मानें तो इसके पीछे इशरत जहां एनकाउंटर केस का भी दबाव हो सकता है। इशरत केस में मोदी और उनके खास अमित शाह का नाम अभी चार्जशीट से बाहर है लेकिन पार्टी को अंदेशा है कि सियासी दबाव में सीबीआई कहीं चार्जशीट में इन दोनों का नाम ना शामिल कर दे और ऐसे हालात से निपटने के लिए पार्टी पहले ही मोदी का नाम आगे कर देना चाहती है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस हालत में पार्टी को मतदाताओँ की सहानुभूति मिल सकती है। नरेंद्र मोदी की पीएम पद की उम्मीदवारी के समर्थक और विरोधियों के अपने अपने तर्क हैं। हर कोई बीजेपी के नफा और नुकसान का दावा कर रहा है लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मोदी के नाम पर पार्टी को जितना नुकसान होना था वो हो चुका और इस मसले पर पार्टी अब पीछे नहीं लौट सकती।