बिहार: मिड-डे मील के बाद विटामिन ए की गोलियों ने बरपाया कहर

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बिहार में पहले मिड डे मील ने कहर बरपाया तो अब विटामिन ए की सरकारी गोलियों ने मासूमों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया हैं। बेगुसराय के एक आंगनवाड़ी केंद्र में विटामिन ए की दवा पीने से 12 से ज्यादा बच्चों की हालत बिगड़ गई है।

घरवालों के मुताबिक दवाई लेने के आधे घंटे बाद ही बच्चों की तबीयत खराब होने लगी, बच्चों को उल्टियां होने लगीं और बेहोश हो गए जिसके…

बिहार में पहले मिड डे मील ने कहर बरपाया तो अब विटामिन ए की सरकारी गोलियों ने मासूमों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया हैं। बेगुसराय के एक आंगनवाड़ी केंद्र में विटामिन ए की दवा पीने से 12 से ज्यादा बच्चों की हालत बिगड़ गई है।

घरवालों के मुताबिक दवाई लेने के आधे घंटे बाद ही बच्चों की तबीयत खराब होने लगी, बच्चों को उल्टियां होने लगीं और बेहोश हो गए जिसके बाद घरवाले उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल में ले गए जिनमें से 5 बच्चों को सदर अस्पताल रैफर कर दिया गया जहां तीन बच्चों की हालत नाजुक है। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों के बीमार होने का कारण विटामिन ए की दवा से एलर्जी होना हो  सकता है।

बिहार में जहरीले निवाले से हुई बच्चों की मौत के बाद बच्चों के साथ साथ उनके माता पिता भी सहम गए हैं। ये ही वजह है कि अब बच्चे स्कूलों में मिलने वाला मील खाने से इनकार कर रहे हैं।

बिहार के छपरा में 23 नौनिहालों की दर्दनाक मौत के पीछे घोर लापरवाही सामने आ रही है। नियमों को ताक में रखकर मीड डे मील में लापरवाही बरती गई और बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया। शुरुआती जांच से हादसे का जो सच सामने आया है वो बेहद चौकाने वाला है।

विश्वास नहीं होता कि नौनिहालों की जिंदगी के साथ इस कदर खिलवाड़ किया जा सकता है। बिहार सरकार के मुख्य सचिव के मुताबिक स्कूल प्रशासन से कई स्तरों में लापरवाही हुई।

खाना बनाने वाली रसोइया और उसके परिवार के नौ बच्चों की भी मौत हो चुकी है जबकि दूसरी रसोइए का पटना में इलाज चल रहा है। बच्चों के लिए खाना बनाते वक्त स्कूल में नियमों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। शुक्रवार को फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद हादसे की सही वजह साफ होगी लेकिन छपरा में जो कुछ हुआ है वो बेहद दर्दनाक है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी ही चाहिए।