इमालवा – नई दिल्ली। बेवजह काम लटकाने वाले सरकारी कर्मचारियों की अब खैर नहीं होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को ऐसे कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। इस विधेयक के दायरे में सरकार से प्राप्त एनजीओ भी होंगे। विधेयक पूरे देश में आरटीआई की तरह लागू होगा और इसके तहत आने वाले सेवाओं को राज्यों को अपने सिटीजन चार्टर में शामिल करना पड़ेगा।
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूर विधेयक में आयकर रिटर्न, पेंशन, जाति प्रमाणपत्र, जन्म व मृत्य प्रमाण पत्र, पासपोर्ट जैसी कई महत्वपूर्ण सेवाओं पर देरी होने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत तय समयसीमा के भीतर काम न होने पर संबंधित कर्मचारी पर प्रतिदिन 250 रुपये से लेकर अधिकतम 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
यह विधेयक दरअसल केंद्र सरकार का सिटीजन चार्टर होगा, लेकिन राज्य सरकारों के कर्मियों पर भी लागू होगा। इसके दायरे में आने वाली सभी सेवाओं को राज्यों को अपने सिटीजन चार्टर में शामिल करना ही पड़ेगा। कुछ राज्यों का अपना अलग से सिटीजन चार्टर है। जिसमें कुछ सेवाओं के लिए समयसीमा भी तय है।
विधेयक के तहत कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को रखा गया है। सिटीजन चार्टर बिल के तहत देश के हर व्यक्ति का यह अधिकार होगा कि उसे कोई भी सेवा एक निश्चित समय में मिले इसके अलावा यदि उसे संबंधित सेवा से कोई शिकायत है तो उसका निपटारा भी एक समय-सीमा में हो जाए।
इस विधेयक के तहत सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक शिकायत निपटारा आयोग बनाने का प्रावधान रखा है। साथ ही केंद्रीय सार्वजनिक शिकायत निपटारा आयोग में शिकायतों के निपटारे के लिए ‘ग्रीवांस रीड्रेस अधिकारी’ की नियुक्ति की जाएगी। यह अधिकारी शिकायत दर्ज करने के लिए जनता की मदद करेंगे। इसके अंतर्गत की गई कार्यवाही को भारतीय दंड संहिता के तहत न्यायिक कार्यवाही माना जाएगा।