नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के करीब केरन सेक्टर में आतंकवादियों के साथ 15 दिनों तक चला संघर्ष मंगलवार को समाप्त हो गया।
सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल संजीव चाचड़ा ने कहा है कि पाक सेना की मदद बिना घुसपैठ संभव नहीं है।
इलाके में सर्च ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है और निगरानी की जा रही है। आतंकियों से निपटने के लिए छह बड़े अभियान चलाए गए।
13 एके 47 राइफलें, चार डिस्पोजेबल राइफलें, एक स्नाइपर, 42 हथगोले और जंग के दूसरे सामान बरामद किए हैं।
घुसपैठ से निपटने को तैयार
सेना की ओर से कहा गया है कि केरन में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश जारी है और सेना कड़ी चौकसी कर रही है। सेना घुसपैठ से निपटने को पूरी तरह से तैयार है।
सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। नियंत्रण रेखा पर इतनी बड़ी संख्या में घुसपैठ पाकिस्तानी सेना की मदद के बिना किस तरह संभव है?
भारतीय इलाके में कब्जा नहीं
इस बीच सेना प्रमुख विक्रम सिंह ने राजधानी में कहा कि केरन सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश करते हुए सेना के साथ संघर्ष में मारे गए सात आतंकवादी यहां भेजे गए 40 आतंकवादियों के दल का हिस्सा हो सकते हैं।
साथ ही उन्होंने नियंत्रण रेखा के नजदीक किसी भी इलाके में आतंकवादियों के कब्जे की संभावना को सिरे से नकार दिया।