कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2014 की दिशा में एक बड़ा कदम उठा लिया है. पार्टी ने मिशन 2014 के उम्मीदवारों के चयन के लिए स्क्रीनिंग कमिटी का ऐलान कर दिया. इसमें खास बात ये है कि रेल मंत्री पद से हटाए गए पवन बंसल को गुजरात और राजस्थान की स्क्रीनिंग कमिटी का मुखिया बनाया गया है.
भांजे के घूसखोरी के आरोपों के बाद रेल मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले पवन कुमार बंसल को स्क्रीनिंग कमिटी में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. पवन बंसल बीजेपी शासित दो अहम राज्य गुजरात और राजस्थान की स्क्रीनिंग कमिटी के अगुवा होंगे.
– राहुल गांधी के करीबी जितेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है.
– गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और अंडमान निकोबार के उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करेंगे.
– कांग्रेस सांसद और प्रवक्ता पीसी चाको को दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब की स्क्रीनिंग कमिटी का जिम्मा सौंपा गया है.
– भुवनेश्वर कुमार कलीता हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर के उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग का काम देखेंगे.
– वी नारायणसामी अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के लिए बनी स्क्रीनिंग कमिटी के प्रभारी होंगे.
– रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और मुंबई का जिम्मा सौंपा गया है.
– वायलार रवि को आंध्र प्रदेश गोवा और कर्नाटक और गुलाम नबी आजाद को केरल, लक्षद्वीप, पुद्दुचेरी और तमिलनाडु की स्क्रीनिंग कमिटी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
– ऑस्कर फर्नांडीस को ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड की स्क्रीनिंग कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया है.
सभी स्क्रीनिंग कमिटी में राज्यों के प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और कांग्रेस विधानमंडल के नेता और एक अन्य सदस्य समेत पांच सदस्य होंगे.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक 17 जनवरी को दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक के तुरंत बाद स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक शुरू हो जाएगी. अटकलें तेज हैं कि 17 जनवरी की बैठक में राहुल गांधी को कांग्रेस की तरफ से अगले चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है. ऐसी अटकलें हैं कि इस महीने के आखिर तक कांग्रेस 150 से 200 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सकती है.
लोकसभा चुनाव अप्रैल या मई के महीने में हो सकता है ऐसे में पार्टी चाहती है कि उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारी के लिए कम से कम तीन महीने का वक्त मिल जाए.