मुंबई से सटे ठाणे के मुंब्रा में 3 मंजिला इमारत के ढहने से उसे हादसे में मरने वालो की संख्या बढ़कर 6 हो गयी है। दर्जनभर से ज्यादा लोगों को मलबे से निकाला गया है।
अभी भी कई लोगों को मलबे में दबे होने की आशंका है। दमकल की एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियां मौके पर हैं। प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोग राहत और बचाव के काम में जुटे हैं। मुंबई और आसपास के इलाकों…
मुंबई से सटे ठाणे के मुंब्रा में 3 मंजिला इमारत के ढहने से उसे हादसे में मरने वालो की संख्या बढ़कर 6 हो गयी है। दर्जनभर से ज्यादा लोगों को मलबे से निकाला गया है।
अभी भी कई लोगों को मलबे में दबे होने की आशंका है। दमकल की एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियां मौके पर हैं। प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोग राहत और बचाव के काम में जुटे हैं। मुंबई और आसपास के इलाकों में पिछले एक महीने में दर्जन भर से ज्यादा इमारतें जमीदोज हो चुकी हैं।
पुलिस के मुताबिक यह इमारत 1981 की बनी है। इस इमारत को लेकर लोगों को पहले आगाह किया गया था, मगर लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जा सका था। इस इमारत में तकरीबन 9 परिवार रह रहे थे। माना जा रहा है कि हादसे के वक्त इमारत में तकरीबन 35 लोग मौजूद थे।
एक महीने में मुंबई में दर्जन से ज़्यादा इमारतें मिट्टी में मिल चुकी हैं। हर साल बारिश में आलम कुछ ऐसा ही रहता है।
सवाल ये है कि क्या अवैध इमारतें मुंबई में ऐसी ज़िंदा कब्रें साबित हो रही हैं जिनकी ओर किसी का ध्यान नहीं है। मॉनसून अभी गया नहीं है। सवाल यह है कि ऐसे और कितने हादसों के बाद प्रशासन की नींद टूटेगी। क्या इस हादसे के लिए सिर्फ बारिश को ज़िम्मेदार ठहराया जाए या फिर असली गुनहगार बिल्डरों और ताकतवर लोगों की सांठगांठ है जिनके चलते नियमों को ताक पर रखा जाता है। सवाल ये भी है कि जब इस इमारत में रहने वाले लोगों को पहले ही आगाह किया गया था तो बिल्डिंग को खाली क्यों नहीं करवाया गया।