नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत की। इस अभियान की लांचिंग के दौरान मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य व देशभर व दुनिया के कई नामचीन उद्योगपति भी मौजूद थे। इस दौरान विकास के 25 क्षेत्रों से संबंधित विवरणिका भी जारी की गई। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में मेक इन इंडिया का सबसे पहले जिक्र किया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के लिए एफडीआइ का अर्थ ‘फर्स्ट डेवलप इंडिया’ है।
देश को वैश्रि्वक विनिर्माण के मानचित्र पर लाने, नए उद्योग व पूंजी के प्रवाह को बढ़ावा देने, लाखों नौकरियों का सृजन करने करने के उद्देश्य से शुरू किए गए मेक इन इंडिया अभियान की लांचिंग पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ एक सोच नहीं है बल्कि इस सोच पर खरा उतरना हम सब की जिम्मेदारी भी है। इस मौके पर उन्होंने एक वेबपोर्टल ‘मेकइनइंडियाडॉटकॉम’ भी लॉन्च किया। इस पोर्टल पर निवेशकों की मदद के लिए कई सवालों के जवाब उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने इस अभियान को पंडित दीन दयाल उपाध्याय को समर्पित किया। साथ ही यहां मौजूद सभी प्रतिनिधियों को नवरात्र की भी बधाई दी।
अपने भाषण में उन्होंने जहां भारत की मैन पावर का जिक्र किया वहीं ई-क्षेत्र, डिजिटल इंडिया और इससे जुड़े तमाम क्षेत्रों के साथ लिंक वेस्ट का एक नया नारा भी दिया। मोदी ने कहा कि लिंक वेस्ट के तहत सरकार देश में निकले कचरे के जरिए देश का विकास करेगी। इसको पीपीपी मॉडल के तहत किया जाएगा। उन्होंने उद्योगपतियों को इस प्रोजेक्ट के लिए आगे आने को कहा। अपने भाषण में उन्होंने मंगलयान की कामयाबी के लिए भारत के इंजीनियरों की पीठ भी थपथपाई।
प्रधानमंत्री ने टूरिज्म और हॉस्पिटल इंडस्ट्री के लिए भी संभावनाएं तलाशने के लिए उद्योगपतियों को आगे आने का न्यौता दिया। पीएम ने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश है कि देश में मौजूद नियमों को कम से कम कर उद्योगों को मजबूत किया जाए। पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व के देशों को यह बताने की जरूरत नहीं है कि उनके लिए बाजार कहां मौजूद है। भारत एक ऐसा देश है जहां दुनिया के उद्योगपतियों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध है। इस सोच और विचार को पूरे विश्व में फैलाना है।
अपने भाषण की शुरुआत में मोदी ने बैठक में उद्योगपतियों को जगह नहीं मिलने पर माफी मांगी। विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने विदेश पलायन को रोकने पर बल दिया। साथ ही कहा कि उद्योगपतियों को सरकार पर भरोसा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनता की हाथों की शक्ति को बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी है।
मोदी ने देश के विकास के लिए राज्यों से केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि राज्यों का विकास होगा या वहां उद्योग लगेंगे तो यह देश का ही विकास है। मोदी ने कहा कि राज्यों के रास्ते ही देश का विकास संभव है। मंच से उन्होंने अपनी सरकार और अपनी प्रशासनिक व्यवस्था की भी तारीफ की।
उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करने वाले वाले सभी अफसर उनसे अधिक सकारात्मक सोच वाले हैं जो एक कदम आगे बढ़कर काम करते हैं। उन्होंने देश और विदेश के उद्योगपतियों से भारत के विकास में सहयोग करने की अपील की।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अभियान और केंद्र सरकार के नजरिए को वहां मौजूद उद्योगपतियों के समक्ष पेश किया। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया एक मिशन है, जिसके तहत लालफीताशाही से छुटकारा पाना सरकार का लक्ष्य है। सीतारमण ने ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत पर कहा कि यह सिर्फ एक स्लोगन नहीं, बल्कि एक कमिटमेंट है। उन्होंने इसको केंद्र की डी-लाइसेंसिंग, डी-रेगुलाइजेशन योजना की ओर एक शुरुआत बताया। निर्मला ने कहा कि हम भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने का सपना देखते हैं। सरकार का सपना है कि देश में होने वाले उत्पादन को 15 फीसद से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक किया जाए। यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि हम अपने मिशन को पूरा नहीं कर लेते।
रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री मोदी जैसे नेतृत्व के आने से देश के कई बड़े सपने पूरे होंगे, ऐसी मैं उम्मीद करता हूं। इसका फायदा करोड़ो लोगों को होगा। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया की मुहिम की शुरुआत इससे बेहतर नहीं हो सकती जब भारत ने मार्स मिशन की सफल शुरुआत की है। जिस तरह से भारत ने इतने कम खर्च में मंगल मिशन को पूरा किया है वो काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के माध्यम से मेक इन इंडिया को नई बुलंदियों पर पहुंचेगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह देश का सौभाग्य है कि उसे नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला है। उन्होंने इस अवसर पर रिलायंस द्वारा सवा लाख नौकरियां देने का भी वादा किया।
मेक इन इंडिया की लॉचिंग पर मौजूद अजीम प्रेमजी ने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने पर बल दिया। उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने विकास के लिए उत्पादन को अहम बताया। उन्होंने केंद्र के इस अभियान की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि इस अभियान से देश में विकास की रफ्तार तेज होगी। इस कार्यक्रम में करीब तीस देशों के उद्योगपति भाग ले रहे हैं।
मेक इन इंडिया अभियान के तहत केंद्र सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए 25 क्षेत्रों की पहचान की है। सरकार ने ऐसे प्रमुख उद्योग क्षेत्र चुने हैं जिनमें भारत आगे चलकर मैन्युफैक्चरिंग के लिहाज से दुनिया भर में अगुआ देश बन सकता है।
मोदी के भाषण की कुछ और प्रमुख बातें–
अच्छी सरकार से नहीं प्रभावी सरकार से विकास को गति मिलती है।
– भारत में डिमांड, डेमॉक्रेसी और डेमोग्रैफिक डिविजन तीनों हैं।
– मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, आपका पैसा नहीं डूबेगा।
– ब्यूरोक्रेसी सरकार के कार्यक्रमों को लागू कराने के लिए पूरी मेहनत कर रही है।
– जरूरत के हिसाब से होना चाहिए स्कील मैनपावर।
– देशवासी पर भरोसा करना सरकार का मंत्र है।
– सवा सौ करोड़ देशवासियों पर निर्णय से बड़ा कोई निर्णय नहीं है।
– सरकार चाहे तो 135 की बजाय दुनिया के 50वें नंबर होगा अपना देश।
– मेक इंडिया आपके उत्पादन के लिए एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराएगा।
– मेक इन इंडिया से भारत के नौजवानों को रोजगार मिलेगा।
– गरीब को रोजगार मिलेगा तो अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।
– मैन्युफैक्चर के लिए जितना ज्यादा जरूरी उसका उत्पाद है, उतना ही ज्यादा जरूरी ऐसे ग्राहक भी हैं, जो उसे खरीद सकें।