इमालवा – नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने “घोटालों की श्रृंखला” और “सच्चाई को दबाने की कोशिश” के मद्देनजर मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांगा और केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार के हटाने की मांग की। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो टूक कह दिया है कि मनमोहन सिंह या उनके मंत्रीमंडल का कोई सदस्य इस्तीफा नहीं देगा। भाजपा भले ही इस्तीफे की मांग करती रहे।
कोयला घोटाले को सरकार को घेर रही प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के संसदीय दल ने प्रधानमंत्री से त्यागपत्र सौंपने की मांग करते हुए कानून मंत्री को हटाने की मांग की है। पार्टी ने घोटालों की शृंखला और सच्चाई को दबाने की कोशिशों के मद्देनजर यह मांग की है।
विपक्ष के कड़े तेवरों को देखते हुए मंगलवार शाम कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि विपक्ष के हमले का सख्ती से जवाब दिया जाना चाहिए। बैठक के बाद सोनिया गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें इस्तीफे की मांग करने दीजिए,कोई इस्तीफा नहीं देगा।
इधर,भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी की कोयला खंडों के आवंटन से हलफनामे के उस मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा हुई, जिसमें सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर दबाव डाल रही थी।
विपक्ष के कड़े तेवरों को देखते हुए मंगलवार शाम कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि विपक्ष के हमले का सख्ती से जवाब दिया जाना चाहिए। बैठक के बाद सोनिया गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें इस्तीफे की मांग करने दीजिए,कोई इस्तीफा नहीं देगा।
इधर,भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी की कोयला खंडों के आवंटन से हलफनामे के उस मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा हुई, जिसमें सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर दबाव डाल रही थी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इसमें केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार और प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका है। अश्विनी कुमार सीबीआई के हलफनामे का व्याकरण दुरूस्त करने की कोशिश कर रहे थे। सीबीआई को कब से कानून मंत्री जैसे अंग्रेजी शिक्षक की जरूरत पड़ने लगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा संसदीय दल की बैठक पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में हुई। आडवाणी मीडिया में आई उन खबरों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें कहा गया है कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपेसी) ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम को बचाने की कोशिश करते पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर टिप्पणी की है।
उन्होंने कहा कि हमलोग सरकार को सहयोग नहीं करेंगे। संसद चलाना सरकार की जिम्मेदारी है, हमारी नहीं। प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री को क्लीन चिट देने पर चर्चा जेपीसी की बैठक में होगी। लेकिन जो चीजें मीडिया में आई हैं, उसे लेकर सांसद गुस्से में हैं। मनमोहन सिंह सरकार बार-बार भ्रष्टाचार में लिप्त होती है और बार-बार निर्लज्जता से उसे छुपाने की कोशिश करती है।
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भाजपा के आरोपों पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है। इसलिए इसके किसी पक्ष पर बोलना उचित नहीं होगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा हर चीज का राजनीतिकरण करती है, लिहाजा उन्हें अपने शासनकाल (1999-2004) में दूरसंचार और कोयला क्षेत्र में हुई गड़बडियों का जवाब देना चाहिए।