शरद पवार ने की कांग्रेस की खिंचाई, बोले- जनता को कमजोर प्रशासक पसंद नहीं

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विधानसभा चुनाव नतीजों पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कांग्रेस पर हमला बोल दिया है. उन्होंने कांग्रेस और यूपीए की नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता को कमजोर प्रशासक पसंद नहीं.

अपने ब्लॉग में शरद पवार ने लिखा है, ‘कांग्रेस और हम सबको मिलकर चार राज्यों में मिली हार की समीक्षा करनी होगी. आखिरकार युवा हमसे नाराज क्यों है, इसका जवाब ढूंढना होगा. इसके अलावा मीडिया और सरकारी तंत्र पर नई सियासी ताकतों के असर पर भी विचार करना जरूरी है.

शरद पवार ने कहा, ‘चार राज्यों में करारी हार कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. कांग्रेस ही नहीं हमें भी इन नतीजों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा. इस हार में युवाओं ने अहम भूमिका निभाई और उनके गुस्से के कारण ऐसे परिणाम आए. इससे साफ हो जाता है कि फैसले को लागू करने की क्षमता होने के साथ प्रशासक को मजबूत और निर्णायक होना जरूरी है.  क्योंकि लोगों को कमजोर प्रशासक पसंद नहीं.’

शरद पवार ने आगे लिखा है, ‘इस चुनाव से यही सिख मिली है कि अगर प्रशासक जनता के हित में लिए फैसले को लागू करने में नाकाम रहता है तो नई सियासी ताकतें उभरेंगी. इस हार से यही सीखने को मिला. इंदिरा गांधी एक सशक्त नेता थीं वो फैसले लेती और उसे लागू भी करवातीं. इस वजह से उनके कार्यकाल में ऐसी सियासी ताकतें नहीं उभरीं.’

शरद पवार ने लिखा, ‘दिल्ली को हमेशा से ज्यादा तवज्जो मिली है. यहां पर केंद्रीय योजनाओं से जरिए अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा निवेश हुआ है. इसके साथ केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता भी मिलती है. इन सरकारी योजनाओं का फायदा उठाते हुए दिल्ली में एक नया वर्ग विकसित हुआ और इसने ही आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का समर्थन किया. वहीं दूसरी तरफ ये वर्ग चाहता है कि दिल्ली की सभी अनियमित कॉलनियों को नियमित किया जाए. उच्च मध्यम वर्गीय ही नहीं गरीब लोगों ने भी AAP को वोट दिया. मेरे घर में काम करने वाले लोगों ने बताया कि उन्होंने AAP को वोट दिया.’

एनसीपी सुप्रीमो ने केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा, ‘अरविंद केजरीवाल चुनावों के दौरान वादा कर रहे थे कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो प्याज और अन्य सब्जियों की कीमत आधी हो जाएगी. यह कहना बहुत आसान है. दिल्ली में आज यह स्थिति है कि कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकती. बीजेपी का सरकार न बनाने का फैसला समझदारी भरा है. ऐसा लगता है कि अगले 4-5 महीने तक दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू रहेगा इसके बाद फिर से विधानसभा के चुनाव होंगे. इन चुनावों के बाद आम आदमी पार्टी सत्ता में आ सकती है. मैं उन्हें चुनौती देता हैं कि वो सत्ता में आने के बाद किस तरह से प्याज और अन्य सब्जियों के दाम कम करेंगे इसके बारे में बताएं.’