श्रीसंत तौलिया लगाकर देता था फिक्सिंग का इशारा

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फिक्सिंग के इस पूरे फेर को अंजाम कैसे दिया गया, कैसे बुकीज ने अपनी फील्ड सेट की और कैसे खिलाड़ियों ने उनकी बनाई पिच पर अपना फिक्स गेम खेला। यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे क्योंकि बुकीज का फिक्सिंग प्लान पूरी तरह फुलप्रूफ था…

इंडियन प्रीमियर लीग कहें या इंडियन पिक्चर लीग क्योंकि यहां हर किरदार झूठा है। मैदान पर उसकी हर हरकत नकली है, उसके हर बर्ताव में…

श्रीसंत तौलिया लगाकर देता था फिक्सिंग का इशारा

फिक्सिंग के इस पूरे फेर को अंजाम कैसे दिया गया, कैसे बुकीज ने अपनी फील्ड सेट की और कैसे खिलाड़ियों ने उनकी बनाई पिच पर अपना फिक्स गेम खेला। यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे क्योंकि बुकीज का फिक्सिंग प्लान पूरी तरह फुलप्रूफ था…

इंडियन प्रीमियर लीग कहें या इंडियन पिक्चर लीग क्योंकि यहां हर किरदार झूठा है। मैदान पर उसकी हर हरकत नकली है, उसके हर बर्ताव में कोई इशारा छिपा है। वह तौलिया भी लगाता है तो तोलमोल होता है।

लॉकेट निकालता है तो लफड़ा करता है। घड़ी टाइम नहीं बताती, क्रिकेट का टाइम खराब करती है। उसकी नजर भी फरेबी है क्योंकि यह क्रिकेट नहीं बल्कि बुकी के हाथ की कठपुतली है जहां वह अपने एक इशारे से मैच का पासा उलट-पलट सकता है।

9 मई को मोहाली में राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच खेले गए मैच में बुकीज के इशारे पर श्रीसंत ने अपने पहले ओवर के बाद दूसरे ओवर में तौलिया लगा लिया। इस तौलिये के जरिए फिक्सिंग का इशारा किया गया।

दिल्ली पुलिस ने अपने खुलासे में बताया है कि बुकी मैदान में बैठकर खिलाड़ियों को निर्देश देते थे। सारी चीजें पहले से फिक्स होती थीं कि कितने ओवर में कितने रन देने हैं।

यह तो फिक्सिंग का एक फेर था बल्कि बुकीज ने स्पॉट फिक्सिंग के ऐसे तरीके अपनाए थे जिनके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। बार-बार तौलिया निकालना, फील्ड सेट करना, लॉकेट घुमाना और टी-शर्ट निकालना।

अब तक यह आपको अपने पसंदीदा खिलाड़ियों का स्टाइल लगता होगा लेकिन ये जानने के बाद आपकी सोच बदल जाएगी कि ये सब स्टाइल नहीं बल्कि फीक्सिंग के फंडे हैं।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक फिक्सिंग के लिए बुकीज ने बॉडी लैंग्वेज के कोड अपनाए थे। इन्हीं कोड की मदद से मैच फिक्स किए जा रहे थे ताकि किसी को पता भी ना चले और फिक्सिंग का यह गंदा खेल यूं ही परवान चढ़ता रहे लेकिन हां अगर खिलाड़ी ने इशारा नहीं किया तो उस पर भी पैनल्टी लगती थी। 5 मई को जयपुर में पुणे वॉरियर्स और राजस्थान रॉयल्स के मैच में कुछ ऐसा ही हुआ था।

साफ है बुकीज ने तो फिक्सिंग प्लान पूरी तरह फुलप्रूफ बनाया था लेकिन वह कहते हैं न कि पुलिस या तो कुछ करती नहीं लेकिन जब कुछ करने की ठान ले तो गुनहगारों के सारे प्लान फेल कर देती है।