सट्टेबाजी को किया जाए लीगल: फिक्‍की

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भारत में सट्टेबाजी को लीगल कर देना चाहिए, यह कहना है फिक्‍की का। फिक्‍की का मानना है कि अगर ऐसा कर दिया जाता है, तो सरकार के खजाने में प्रति वर्ष हजारों करोड़ रुपए का इजाफा होगा।

हालांकि फिक्‍की ने इसके साथ यह भी कहा कि सट्टेबाजी को लीगल कुछ शर्तों के साथ ही करना चाहिए। यहां उन्‍होंने यह भी साफ किया कि स्‍पॉट फिक्सिंग को नहीं सट्टेबाजी का लीगल करने…

सट्टेबाजी को किया जाए लीगल: फिक्‍की

भारत में सट्टेबाजी को लीगल कर देना चाहिए, यह कहना है फिक्‍की का। फिक्‍की का मानना है कि अगर ऐसा कर दिया जाता है, तो सरकार के खजाने में प्रति वर्ष हजारों करोड़ रुपए का इजाफा होगा।

हालांकि फिक्‍की ने इसके साथ यह भी कहा कि सट्टेबाजी को लीगल कुछ शर्तों के साथ ही करना चाहिए। यहां उन्‍होंने यह भी साफ किया कि स्‍पॉट फिक्सिंग को नहीं सट्टेबाजी का लीगल करने की जरूरत है, जिससे फिक्सिंग पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है।

दरअसल, कुछ समय पहले बीसीसीआई अध्‍यक्ष श्रीनिवासन ने कहा था कि वह क्रिकेट में सट्टेबाजी पर रोक नहीं लगा सकते। इसके लिए कुछ कड़े कानून बनाने की जरूरत है, जिसके लिए वे प्रसास कर रहे हैं। इसके बाद ही कुछ लोगों की सलाह बीसीसीआई को दी जा रही हैं। उधर आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भारत के पूर्व फुटबाल कप्तान बाईचुंग भूटिया ने कहा कि क्रिकेट में भ्रष्टाचार को रोकने के लिये देश में सट्टेबाजी को वैध बनाया जाना चाहिये। भूटिया ने गुरुवार रात भारतीय फुटबाल खिलाडि़यों के संघ के एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘यूरोप में सट्टेबाजी वैध है और फुटबाल में ऐसे घोटाले नहीं होते, जैसे क्रिकेट में। मुझे लगता है कि सट्टेबाजी को वैध बनाने से हालात सुधरेंगे।’

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है। खिलाडि़यों को लालची नहीं होना चाहिये। यह गैर जरूरी था। कुछ खिलाडि़यों के कारण आप यह नहीं कह सकते कि पूरा खेल या क्रिकेट खराब है। कुछ खिलाड़ी ही इसमें शामिल है। खेल किसी भी खिलाड़ी से बड़ा है।

लेकिन शरद यादव का कहना है कि आईपीएल बीसीसीआई का आवारा बच्‍चा है, इसलिए इसे तुरंत बंद करना देना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो क्रिकेट में गंदगी बढ़ती ही जाएगी।