सरबजीत का शव भारत लाया जाएगा: शिंदे

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केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सरबजीत सिंह के परिवार से मुलाकात की और भरोसा दिलाया है कि सरबजीत के शव को स्वदेश लाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।सरबजीत की बहन दलबीर कौर और परिवार के दूसरे सदस्यों से मुलाकात करने के बाद शिंदे ने कहा, हम सरबजीत के शव को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए अपना भरसक प्रयास कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय पाकिस्तान सर… सरबजीत का शव भारत लाया जाएगा: शिंदेकेंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सरबजीत सिंह के परिवार से मुलाकात की और भरोसा दिलाया है कि सरबजीत के शव को स्वदेश लाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।सरबजीत की बहन दलबीर कौर और परिवार के दूसरे सदस्यों से मुलाकात करने के बाद शिंदे ने कहा, हम सरबजीत के शव को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए अपना भरसक प्रयास कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय पाकिस्तान सरकार के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि शव मिल जाने के बाद परिवार की भावनाओं के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा।गृह मंत्री ने कहा, ‘हम शव हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। परंतु यह पाकिस्तान सरकार पर निर्भर करेगा। हमें इंतजार करना होगा।’ शिंदे ने कहा कि भारत 49 वर्षीय सरबजीत को बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के लिए आखिरी समय तक पाकिस्तान से बात करता रहा, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि मैंने पूरे देश की ओर से सरबजीत के बहन के प्रति संवेदना प्रकट की है। सरबजीत का कल देर रात लाहौर के जिन्ना अस्पताल में निधन हो गया। वह  करीब एक सप्ताह पहले कोट लखपत जेल में हुए जघन्य हमले के बाद से जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे।शिंदे ने कहा, ‘हम इस बात से दुखी हैं कि सरबजीत अब हमारे साथ नहीं रहे। यह बहुत दुखद घटना है।’ शिंदे ने कहा कि भारत ने अलग अलग मंचों पर सरबजीत का मुद्दा पाकिस्तान के साथ उठाया और उन्होंने खुद पिछले साल तत्कालीन पाकिस्तानी गृह मंत्री रहमान मलिक के भारत दौरे के समय इस मुद्दे को उठाया था और उनसे कहा था कि इस भारतीय नागरिक को रिहा कर दिया जाए।उन्होंने कहा, ‘हमने पाकिस्तान को बताया था कि सरबजीत सिंह किसी मामले में शामिल नहीं थे और उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। हमने उन्हें कई मौकों पर बताया कि यह गलत शिनाख्त का मामला है।’यह पूछे जाने पर कि सरबजीत की मौत की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए स्वतंत्र जांच की मांग करेगा तो शिंदे ने कहा, ‘इस तरह के मुद्दे पर बात करने का यह सही समय नहीं है। हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।’ सरबजीत को वर्ष 1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए कई बम विस्फोटों में कथित रूप से उनकी संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया गया था। इस हमले में 14 लोग मारे गए थे। सरबजीत ने पाकिस्तानी जेलों में तकरीबन 22 साल बिताए। अदालतों तथा पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उनकी दया याचिकाओं को ठुकरा दिया था।पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की अगुवाई वाली पिछली सरकार ने वर्ष 2008 में सरबजीत की फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी थी।  सरबजीत के परिवार का कहना है कि वह गलत शिनाख्त का शिकार हुआ और नशे की हालत में वह गलती से सीमा पार कर गया था।