आज से शुरू हो रहा है संसद का मानसून सत्र। 30 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आर-पार की जंग तय है। यूपीए सरकार इस सत्र में हर हाल में फूड सिक्योरिटी बिल पास कराना चाहेगी लेकिन संसद में सरकार फिलहाल इस बिल पर घिरती नजर आ रही है।
वहीं विपक्ष के एजेंडे पर कई और अहम मुद्दे हैं जिसपर वो सरकार से आर पार करना चाहेगी। तेलंगाना…
आज से शुरू हो रहा है संसद का मानसून सत्र। 30 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आर-पार की जंग तय है। यूपीए सरकार इस सत्र में हर हाल में फूड सिक्योरिटी बिल पास कराना चाहेगी लेकिन संसद में सरकार फिलहाल इस बिल पर घिरती नजर आ रही है।
वहीं विपक्ष के एजेंडे पर कई और अहम मुद्दे हैं जिसपर वो सरकार से आर पार करना चाहेगी। तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा देने के बाद पूरे देश में फैले बवाल पर भी हंगामा होगा। वहीं संसद में यूपी की निलंबित SDM दुर्गा शक्ति नागपाल का मुद्दा भी उठना तय है। इस मामले में कांग्रेस अपनी सहयोगी समाजवादी पार्टी के निशाने पर है।
मानसून सत्र को लेकर सरकार की अपनी रणनीति है तो विपक्ष अपने खास मुद्दों के दम पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
दिल्ली में मानसून तो पहले ही बरस चुका है लेकिन अब सबको इंतजार है सियासी मानसून का। मानसून सत्र को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों की रणनीति तय हो चुकी है। इस सत्र में सदन के पटल पर कुल 44 विधेयक रखे जाएंगे लेकिन सरकार की प्राथमिकता कुछ खास विधेयकों को लेकर है।
यूपीए सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक को लेकर बेहद जल्दबाजी में है हालांकि यही सरकार के लिए सबसे बड़ी मुसीबत भी बन सकती है। वहीं सरकार बीमा एवं पेंशन क्षेत्र सुधार विधेयक, आरटीआई अधिनियम में संशोधन से संबंधित विधेयक, न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित न्यायिक आयोग विधेयक के साथ ही दागी विधायक-सांसद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की काट निकालने के लिए भी ज्यादा सजग दिख रही है।
सत्र शुरू होने से पहले ही ऑल पार्टी मीटिंग कर सरकार सब कुछ सही होने का मैसेज तो दे रही है लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर यूपीए सरकार पर मुसीबत के बादल मंडरा सकते हैं।
2014 से पहले पहले सरकार ज्यादा से ज्यादा जरूरी विधेयकों को निपटा कर जनता को मजबूत मैसेज देना चाहेगी तो विपक्ष सरकार की नाकामी दिखाने का मौका छोड़ना नहीं चाहेगी और इस सब के लिए विपक्ष और सरकार दोनों के पास महज 16 दिन हैं।