सीबीआई की आजादी के मसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है और हलफनामे के प्रारूप की मानें तो अब सीबीआई पहले की तुलना में ज्यादा आजाद रह पाएगी।
सरकार के हलफनामे के मुताबिक सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें प्रधानमंत्री के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और नेता विपक्ष…
सीबीआई की आजादी के मसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है और हलफनामे के प्रारूप की मानें तो अब सीबीआई पहले की तुलना में ज्यादा आजाद रह पाएगी।
सरकार के हलफनामे के मुताबिक सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें प्रधानमंत्री के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और नेता विपक्ष शामिल होंगे और इन तीनों सदस्यों की सहमति से ही सीबीआई के डॉयरेक्टर की नियुक्ति की जा सकेगी। नियुक्ति के साथ ही निदेशक को पद से हटाने की प्रक्रिया भी पहले की तुलना में काफी जटिल कर दी गई है ताकि निदेशक पर किसी तरह का राजनैतिक दबाव ना बनाया जा सके।
नए हलफनामे के मुताबिक डॉयरेक्टर को हटाने का अधिकारी देश के राष्ट्रपति के पास होगा जो सीवीसी की सलाह पर निदेश को हटा सकेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले सीबीआई की आजादी पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया था और सीबीआई को तोता करार दिया था।