आज शाम तक लौट आएंगी देवयानी, पिता को इंसाफ की उम्मीद

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नई दिल्ली। वीजा फर्जीवाड़े और घरेलू नौकरानी को कम वेतन दिए जाने के मामले में फंसी भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े भारत लौट रहीं हैं। उन्होंने फिर दोहराया है कि वह बेगुनाह हैं और चाहती हैं कि सच्चाई का सबको पता चले। इस बीच, अमेरिकी अदालत में देवयानी के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिया गया है, लेकिन चूंकि उन्हें पूर्ण राजनयिक संरक्षण दिया गया है इसलिए उन पर मुकदमा नहीं चलेगा। वहीं, इस पूरे प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए देवयानी के पिता उत्तम खोबरागड़े ने भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमें जरूर इंसाफ मिलेगा।

उत्तम खोबरागड़े ने कहा कि उन्हें सभी भारतीयों का साथ मिला हैं और हमें इंसाफ जरूर मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया का धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि भारतीय राजनयिक पर वीजा फर्जीवाड़े और न्यूयॉर्क में घरेलू नौकरानी को कम वेतन दिए जाने के मामले में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। उन्हें हथकड़ी लगाई गई, कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई और अपराधियों के साथ हिरासत में रखा गया था। इस वजह से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव उत्पन्न हो गया था। भारत ने अमेरिका से इस मामले में माफी मांगने और देवयानी के खिलाफ केस वापस लेने की मांग की थी। लेकिन अमेरिका ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। जवाब में भारत ने भी अमेरिकी राजनयिकों को मिलने वाली छूटों में कटौती कर दी। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर तनाव बढ़ गया था।

नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर सुरक्षा अवरोधकों को हटा दिया गया था और तब भारत का दौरा कर रहे एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात से भारतीय नेताओं ने मिलने से इन्कार कर दिया था। इसके साथ ही अमेरिकी दूतावास परिसर में व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने का भी आदेश जारी दिया।

एक अधिकारी ने बताया कि देवयानी को आठ जनवरी को अमेरिका ने पूर्ण राजनयिक छूट देने के बाद नौ जनवरी को छूट खत्म करने की भारत से इजाजत मांगी थी, लेकिन भारत ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद अमेरिका ने देवयानी को देश छोड़कर चले जाने को कहा। इसका यह मतलब है कि उन पर अब मुकदमा नहीं चलेगा, लेकिन आरोप यथावत रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि देवयानी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि उनके पति अमेरिकी हैं और उनकी एक बच्ची भी है। इस पूरे घटनाक्रम में यह महत्वपूर्ण है कि देवयानी पर आरोप होने के कारण उन्हें अब अमेरिकी वीजा मिलना बेहद मुश्किल होगा। इसलिए वह अमेरिका जाकर अपने परिवार से नहीं मिल सकेंगी और न ही उनकी अमेरिका में अब तैनाती हो सकेगी।