नई दिल्ली। ऊंचे चालू खाता घाटे से चिंतित वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने आज लोगों से सोने में निवेश नहीं करने की मार्मिक अपील करते हुए कहा कि एक साल इस धातु का आयात नहीं किया जाये तो देश की अर्थव्यवस्था की पूरी शक्ल ही बदल जायेगी।
चिदम्बरम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह धारणा कि सोने में किया गया निवेश सबसे सुरक्षित विकल्प है, सही नहीं है। निवेश के कई एेसे क्षेत्र भी जहां निवेश करके अधिक आय हासिल की जा सकती है। उन्होंने लोगों से सोना खरीदने की चाह पर अंकुश लगाने की अपील करते हुए कहा कि केवल एक साल सोने का आयात नहीं किया जाये तो इससे अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर बदल जायेगी।
चिदम्बरम ने कहा कि देश में सोने की मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर होना पड़ता है। लोगों में यह धारणा है कि सोने में निवेश से ही केवल बेहतर आमदनी होती है। लोगों का यह सोचना कि वे सोना रूपए में खरीद रहे हैं, किंतु वस्तुस्थिति यह है कि इसका आयात किया जाता है और आयात के लिए डालर खर्च करने पड़ते हैं। यदि एक वर्ष सोने का आयात बिल्कुल नहीं किया जाये तो देश के चालू खाता घाटा की तस्वीर बिल्कुल अलग होगी तथा इसका अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में असर दिखायी देगा। चालू खाता घाटा पर पड़ रहे बोझ से चिंतित सरकार सोने के आयात को हतोत्साहित करने के लिए इसके आयात शुल्क में पहले ही कई बार बढ़ोतरी कर चुकी है।
आयात शुल्क में फिर बढ़ोतरी के संबंध में चिदम्बरम ने कहा कि सरकार इस पर और शुल्क नहीं बढ़ाने जा रही है। उन्होंने कहा कि मई के दूसरे पखवाड़े में सोने का आयात ३ करोड़ 60 लाख डालर का रह गया जो प्रथम पखवाड़े में 13 करोड़ 50 लाख डालर था।