पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल आ गए हैं. इंडिया टुडे-माइ एक्सिस इंडिया के एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश, गोवा और उत्तराखंड में जीतती दिखाई दे रही है, वहीं पंजाब और मणिपुर में कांग्रेस सत्ता में आ सकती है.
एग्जिट पोल के बाद सभी राजनीतिक दलों के बयान सामने आए हैं, उत्तरप्रदेश में बीजेपी को बढ़त के अनुमान के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीबीसी से बातचीत में संकेत दिया कि अगर परिणामों के बाद जरूरत पड़ी तो वे बीएसपी के साथ भी गठबंधन कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 11 मार्च का चुनावी नतीजा उनके पक्ष में आएगा.
नरेश अग्रवाल ने दी सफाई
अखिलेश के बयान पर सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा, “अखिलेश जी ने बीएसपी या बहनजी का नाम नहीं लिया है. उनका उद्देश्य सांप्रदायिक ताकतों को राज्य से बाहर रखने का है.”
ममता करेंगी विपक्ष को एकजुट
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश की सत्ता में बीजेपी को आने से रोकने के लिए विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की भूमिका निभा सकती हैं. अगर नतीजों के बाद ऐसी परिस्थिति बनती है जिससे विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने से बीजेपी को सत्ता में आने से रोका जाए तो ममता यह कदम उठा सकती हैं.
नीतीश भी निभा सकते हैं भूमिका
वहीं उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले महागठबंधन का हिस्सा बनने से इनकार करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए ममता बनर्जी जैसा ही कुछ कदम उठा सकते हैं. नीतीश ने बिहार में भी बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए लालू प्रसाद यादव की पार्टी से गठबंधन किया था.
सपा में हलचल
समाजवादी पार्टी के पुराने नेता रविदास महरोत्रा के मुताबिक सपा के लिए कांग्रेस हानिकारक रही. अगर कांग्रेस से गठबंधन न होता तो सपा और सीटें जीत पाती. वहीं दूसरी ओर सपा के कद्दावर नेता आजम खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर समाजवादी पार्टी हारेगी तो अखिलेश दोषी नहीं होंगे. इन दोनों नेताओं के ताजा बयानों पर गौर करें तो ऐसा लग रहा है कि सपा ने यूपी में रिजल्ट आने से पहले ही हार स्वीकार कर ली है.