जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने कश्मीर के हालात को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग जिस हालात में रह रहे हैं, वो बेहद चिंताजनक है. मर्केल ने कहा कि कश्मीर के हालात सुधारने की जरूरत है. भारत दौरे पर आईं जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वो कश्मीर मसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाएंगी.
इस दौरान एंगेला ने यह भी कहा कि वो कश्मीर पर भारत की स्थिति को लेकर वाकिफ हैं, लेकिन यहां यह मायने नहीं रखता है. जर्मन चांसलर ने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीर में शांति बहाली के प्लान को सुनना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कश्मीर के हालात स्थिर नहीं हैं. वहां लोग कठिन हालात में रह रहे हैं और इसको सुधारने की जरूरत है.
आपको बता दें कि जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल तीन दिवसीय भारत दौरे पर आई हैं. शुक्रवार को पीएम मोदी से मुलाकात करने के पहले एंगेला मर्केल राजघाट गईं और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. शुक्रवार को पीएम मोदी और जर्मन चांसलर मर्केल की मौजूदगी में भारत और जर्मनी ने अंतरिक्ष सुरक्षा, नागरिक उड्डयन, चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में कुल 20 समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए.
पीएम मोदी ने एंगेला मर्केल को दिया गिफ्ट
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात के दौरान जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल को खास गिफ्ट दिया. उन्होंने जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल को गिफ्ट में एक रत्नम पेन और एक हैंडलूम वूलन खादी स्टोल दिया है.
आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे भारत-जर्मनी
इस दौरान दोनों देशों ने संयुक्त रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने पर प्रतिबद्धता जताई. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना द्विपक्षीय बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा. जर्मन चांसलर मर्केल ने पांचवे अंतर सरकारी परामर्श में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की.
जर्मन चांसलर के साथ मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी ने आतंकवाद और चरमपंथ के खतरों से निपटने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के लिए समझौता किया है. दोनों देश नई और उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग कर रहे हैं.
जर्मन चांसलर ने कहा, ‘भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में बहुत संभावना है. 5-जी और एआई के क्षेत्र में एक चुनौती होगी. अगर हम एक साथ काम कर सकते हैं, तो यह सहयोग का एक शानदार तरीका होगा.’
उन्होंने यह भी कहा कि 20 हजार भारतीय छात्र जर्मनी में पढ़ रहे हैं और अब वो पेशेवर प्रशिक्षण के लिए भारतीय शिक्षकों को आमंत्रित करना चाहते हैं. वहीं, मोदी ने कहा, ‘हम जर्मनी को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के रक्षा गलियारों में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करते हैं.’