केन्द्र में राजग की सरकार, तीसरे मोर्चे की गुंजाइश नहीं: शाह

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रभारी अमित शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पार्टी चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाये जाने से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक जनता दल (यू) की नाराजगी के बाद तीसरे मोर्चे के गठन की संभावनाओं को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि देश की दो ध्रुवीय हो…

केन्द्र में राजग की सरकार, तीसरे मोर्चे की गुंजाइश नहीं: शाह

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रभारी अमित शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पार्टी चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाये जाने से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक जनता दल (यू) की नाराजगी के बाद तीसरे मोर्चे के गठन की संभावनाओं को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि देश की दो ध्रुवीय हो चुकी राजनीति में तीसरे मोर्चे के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।

प्रदेश में पार्टी के केन्द्रीय प्रभारी की जिम्मेदारी संभालने और दो दिनों तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से कई दौर की मुलाकात और बैठकों के बाद शाह ने कहा, पार्टी कार्यकताओं एवं पदाधिकारियों से जो भी जानकारी मिली है, उसके हवाले से मैं यह कह सकता हूं कि पूरे प्रदेश में केन्द्र में सत्तारुढ संप्रग और प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी सरकार के विरोध में जबरदस्त रोष है व परिवर्तन की लहर है।

मोदी को भाजपा का चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाये जाने से जनता दल (यू) की नाराजगी के बाद तीसरें मोर्चे के गठन को लेकर उठे स्वरों के बारे में पूछे जाने पर, शाह ने कहा, देश की राजनीति दो ध्रवीय हो चुकी है, इसमें तीसरे मोर्चे के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।

गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी को लखनउ से लोकसभा उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चाओं के बारे में हुए सवाल को टालते हुए शाह ने कहा कि अभी किसी सीट के लिए उम्मीदवार तय नहीं हुए है और न ही अभी इसके लिए कोई समय सीमा ही निर्धारित की गयी है। यह पूछे जाने पर कि मोदी उत्तर प्रदेश मे कब आने वाले है, उन्होंने कहा कि अभी उनके आने का समय तय नहीं है।

मोदी को भाजपा चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाये जाने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा पार्टी के विभिन्न पदों से इस्तीफा दे देने के प्रकरण के बारे में सवाल होने पर उन्होंने कहा कि अब यह चेप्टर क्लोज हो चुका है। राम मंदिर के बारे में सवाल होने पर, उन्होंने कहा कि यह भाजपा के एजेंडे में है और पार्टी ने इसे कभी छोडा नहीं है।

राम मंदिर को लेकर हरिद्वार में विश्व हिन्दू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल द्वारा कानून बनाये जाने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के निर्णय के बारे में शाह ने कहा कि पार्टी इसके बारे में विचार करने के बाद जो तय करना होगा करेगी।

प्रदेश में पार्टी के केन्द्रीय प्रभारी शाह ने दो दिनों तक पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों एवं कार्यकताओं की बैठकों में उठे मुद्दों के बारे मे पूछे गये सवालों का जवाब देने से इंकार करते हुए कहा कि सब बता देंगे तो हम क्या करेंगे। उन्होंने यह बात दोहरायी कि केन्द्र में परिवर्तन निश्चित है और अगली सरकार भाजपानीत राजग की ही बनेगी और उसकी नींव उत्तर प्रदेश में पडेगी, जिसका रास्ता लखनउ होकर जायेगा।

इससे पूर्व, शाह ने केन्द्र में संप्रग सरकार का नेतृत्व कर रही कांग्रेस सरकार के साथ ही उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ सपा और मुख्य प्रतिपक्षी दल बसपा पर हमला बोलते हुए कहा कि संप्रग राज में महंगाई बेतहाशा बढी है और लगभग 12 लाख करोड रुपये के घोटाले हुए हंै और केन्द्र सरकार बाहरी के साथ ही आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भी बुरी तरह विफल साबित हुई है।

यह कहते हुए कि संप्रग सरकार सत्ता में रहने का नैतिक और संवैधानिक अधिकार खो चुकी है, उन्होंने कहा कि यदि आज भी वह सत्ता में है तो वह सपा और बसपा के सहयोग के बल पर ही है। इसलिए केन्द्र सरकार के पाप में यह दोनों पार्टियां बराबर की भागीदार हैं।

यह सवाल होने पर कि मोदी को भाजपा चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाये जाने तथा उनको (शाह को) उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाये जाने से क्या सूबे की राजनीति में सांप्रदायिकता का रंग गहरा हो जाने की आशंका नहीं है, शाह ने कहा कि प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी सरकार जिस तरीके से आतंकियों पर लगे मुकदमे वापस लेने की कवायद में जुटी है, यहां सांप्रदायिकता का रंग पहले ही गहरा हो चुका है।

उन्होंने कहा, प्रदेश सरकार वोट की राजनीति के लिए जिस तरह से आतंकियों के विरुद्ध लगे मुकदमे वापस लेने की कवायद में जुटी है, उससे जनता में गहरा आक्रोश है।

सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड मामले में आरोपी होने के बावजूद उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाकर यह जिम्मेदारी सौंपे जाने के बारे में शाह ने हंसते हुए कहा कि यदि सीबीआई द्वारा आरोपी बनाये जाने से राजनीतिक कामकाज पर नैतिकता के आधार पर रोक लगती है, तो फिर केन्द्र में सत्तारुढ सरकार के नेताओं के अलावा कोई भी व्यक्ति राजनीति में सक्रिय नहीं रह सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश आफताब आलम की अदालत ने उनकी जमानत मंजूर की है।