राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में लगातार हो रही नवजात बच्चों की मौत मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। इस मामले में तेजी दिखाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने उच्चस्तरीय टीम का गठन किया है। इस टीम में एम्स जोधपुर के विशेषज्ञ डॉक्टर, हेल्थ फाइनेंस एंड रीजनल डायरेक्टर और जयपुर हेल्थ सर्विस के लोग भी शामिल होंगे। यह टीम शुक्रवार को कोटा स्थित जेके लोन सरकारी अस्पताल पहुंचेगी।
इस बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में जो माहौल बना हुआ है, उससे ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। वह पहले ही कह चुके हैं कि इस साल शिशुओं की मौत के आंकड़ों में पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी कमी आई है।
हर्षवर्धन ने गहलोत को लिखा पत्र
बता दें कि कोटा के इस सरकारी अस्पताल में गत दिसंबर महीने से अब तक तकरीबन 104 बच्चों की मौत हो चुकी है। डॉ. हर्षवर्धन ने बच्चों की मौत को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा है। चिट्ठी में उन्होंने बच्चों की मौत रोकने संबंधी हर सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जानकारी दे दी है कि 2019 से 2020 के बीच नैशनल हेल्थ मिशन के माध्यम से जेके लोन अस्पताल को 91.7 लाख रुपये आवंटित किया गया है। राजस्थान के लिए आवंटित बजट 1788.97 करोड़ रुपये में से केवल कोटा को ही 27.45 करोड़ रुपये दे दिए गए हैं।
गहलोत ने हर्षवर्धन से किया था अस्पताल आने का आग्रह
इससे पहले, अशोक गहलोत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से कोटा के सरकारी अस्पताल का दौरा करने तथा वहां की व्यवस्थाएं व्यक्तिगत रूप से देखने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा,’ मैंने केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को फोन किया और उनसे आग्रह किया कि वे खुद कोटा आएं ताकि देख सकें कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने वहां कैसे श्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध करवाते हुए व समुचित प्रबंधन किया है।’ गहलोत के अनुसार, ‘हर्षवर्धन खुद एक चिकित्सक हैं इसलिए अगर वह कोटा के अस्पताल का दौरा करते हैं तो उन लोगों के लिए भी स्थिति स्पष्ट होगी जो जाने अनजाने में प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।’ उल्लेखनीय है कि कोटा के इस सरकारी अस्पताल में नवजात शिशुओं की लगातार मौत चर्चा में बनी हुई। गुरुवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी इसको लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा।