देश की दो तिहाई से भी ज्यादा गरीब अवाम को अब सस्ती कीमत पर राशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पर मंजूरी की मुहर लगा दी है। कल कैबिनेट की मंजूरी के बाद ये अध्यादेश राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। इस अध्यादेश के लागू होने के बाद अब गरीबों को हर महीने रियायती दरों पर पांच किलो राशन मिल सकेगा। इसके तहत…
देश की दो तिहाई से भी ज्यादा गरीब अवाम को अब सस्ती कीमत पर राशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पर मंजूरी की मुहर लगा दी है। कल कैबिनेट की मंजूरी के बाद ये अध्यादेश राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। इस अध्यादेश के लागू होने के बाद अब गरीबों को हर महीने रियायती दरों पर पांच किलो राशन मिल सकेगा। इसके तहत देश की करीब 67 फीसदी आबादी यानी 80 करोड़ लोगों को 3 रुपए किलो चावल और 2 रुपए किलो गेहूं दिया जाएगा।
इससे देश के खजाने पर सालाना 1 लाख 30 हजार करोड़ का खर्च आएगा। हालांकि इस अध्यादेश की अवधि फिलहाल छह महीने तक ही होगी। इसे कानूनी जामा पहनाने केलिए सरकार को इन 6 महीनों के भीतर संसद से मंजूरी हासिल करनी होगी।
आइये आपको बताते हैं कि प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा बिल में क्या प्रावधान हैं
67 फीसदी लोगों इस बिल के दायरे में आएंगे। करीब 6.1 करोड़ टन अनाज की जरूरत पड़ेगी। इस बिल के तहत सालाना खाद्य सब्सिडी 23 अरब डॉलर होगी। पीडीएस का सालाना खर्च 1.20 लाख करोड़ हो जाएगा। बिल के तहत 1 रुपये किलो दाल, 2 रुपये किलो गेहूं, 3 रुपये किलो चावल मिलेगा