इमालवा- नई दिल्ली। भांजे द्वारा 90 लाख रूपए घूस लेते पकड़े जाने का मामला सामने आने के 24 घंटे बाद रेलमंत्री पवन कुमार बंसल ने चुप्पी तोड़ी और लिखित बयान जारी कर कहा कि मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं, मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। मेरे आफिशियल काम में परिवार के किसी शख्स का कोई दखल और संबंध नहीं रहता। सीबीआई की जांच से सच सामने आ जाएगा।
उधर,रेलमंत्री की सफाई को बेमानी करार देते हुए भाजपा ने रेल मंत्री से के इस्तीफे की मांग की है। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाते हुए कहा कि रेलवे के ऊंचे पदों के लिए बोली लग रही है। ऎसे में रेल मंत्री जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। भांजे व रेल बोर्ड मेम्बर की गिरफ्तारी में मंत्री की भूमिका की जांच होनी चाहिए। रेल मंत्री को बर्खास्त किया जाए तथा सीबीआई पवन बंसल पर केस चलाए। भाजपा ने इस मामले में प्रधानमंत्री से कार्रवाई की नाउम्मीद जताते हुए राष्ट्रपति से उचित कदम उठाने की मांग की है। इस बीच समाजवादी पार्टी ने भी रेलमंत्री पवन बंसल से इस्तीफे की मांग की है।
इससे पहले मीडिया द्वारा बार बार संपर्क किए जाने के बावजूद न तो रेल मंत्री खुद और न ही मंत्रालय का कोई जिम्मेदार अधिकारी अपना पक्ष रखने सामने आया। मामला तूल पकड़ने के बाद रलमंत्री ने लिखित बयान जारी कर दिया। इस बीच रेलमंत्री के घर की सुरक्षा बढ़ा गई है।
मालूम हो कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रेलवे बोर्ड में सदस्य स्टाफ के तौर पर नियुक्ति के लिए 90 लाख रूपए की रिश्वत दिए जाने के सनसनीखेज मामले में शुक्रवार रात को सिंगला के सेक्टर-28 स्थित आवास पर छापेमारी की थी। उनका आवास रेल मंत्री के आवास के पास ही है। गोयल के सेक्टर-26 स्थित आवास पर भी छापेमारी की गई थी। सीबीआई ने सिंगला तथा गोयल के दफ्तर में भी छापेमारी की।
इस कार्रवाई के बाद रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे विजय सिंगला, नवनियुक्त सदस्य स्टाफ महेश कुमार एवं दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया और छापा मार कर रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली। इन लोगों को दिल्ली लाया जाकर सीबीआई की पटियाला कोर्ट में पेश किया जाएगा।
सीबीआई ने एक गुप्त अभियान में इस पूरे सौदे को लेकर मोबाइल फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिग के आधार पर विजय सिंगला और महेश कुमार को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने इस संबंध में चंडीगढ में छापा मार कर रिश्वत की राशि बरामद कर ली है। इसके बाद मुम्बई दिल्ली चंडीगढ और बेंगलूर में कई जगह छापे मारे गए।
महेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे बोर्ड में सदस्य स्टाफ बनने के लिए विजय सिंगला को 90 लाख रूपए की रिश्वत दी है। इस मामले में महेश कुमार की मदद करने वाले मंजूनाथ और सौदा कराने वाले एक व्यक्ति संदीप गोयल को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि विजय सिंगला ने कुमार को रेलवे बोर्ड में मलाईदार पद दिलाने के लिए दस करोड़ रूपए की मांग की थी लेकिन सौदा दो करोड़ में तय हुआ था। 90 लाख रूपए की पेशगी की रकम थी। सूत्रों के अनुसार महेश कुमार सदस्य इलेक्ट्रिकल्स बनना चाहते थे। कुमार ने कल ही रेलवे बोर्ड में सदस्य स्टाफ का पदभार संभाला था। वह इससे पहले मुम्बई में पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक थे। उन्होंने रूडकी विश्वविद्यालय से 1975 में इलेक्ट्रानिकस एवं कम्युनिकेशन्स में बी टेक की डिग्री हासिल की थी और 1976 बैच में वह भारतीय रेलवे सिगनल इंजीनियरिंग सेवा में शामिल हुए।
उन्हें पुरानी दिल्ली में विश्व के सबसे विशाल रेलवे रिले रू ट इंटरलॉकिंग को 36 घंटे की न्यूनतम समय सीमा में सफलता पूर्वक पूरा करने के रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। बताया जा रहा है कि उन्हें तीन महाप्रबंधकों की वरिष्ठता को नजरअंदाज करके पदोन्नत किया गया था। रेलवे बोर्ड में छह सदस्य होते हैं। सातवें सदस्य रेल मंत्री स्वंय होते हैं।