लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा कि वह संसदीय प्रक्रिया से जुड़े नियमों को कम से कम एक बार पढ़ें. बिरला ने उन्हें यह सलाह तब दी जब उन्होंने उन लोगों का जिक्र किया जो लोकसभा के सदस्य नहीं थे और उन्होंने केंद्रीय बजट पर सदन में अपने भाषण के दौरान तस्वीरें प्रर्दिशत करने की मांग की.
अध्यक्ष ने कहा, ”आप विपक्ष के नेता हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि आप पहले प्रक्रिया के सभी नियमों को कम से कम एक बार और पढ़ेंगे.” बिरला ने कई बार प्रक्रिया के नियमों का जिक्र किया. दरअसल संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू नेता प्रतिपक्ष के भाषण के दौरान उनके कुछ दावों का प्रतिकार करने के लिए सदन में बोलने का प्रयास किया लेकिन राहुल गांधी ने अपना भाषण जारी रखा.
रीजीजू ने राहुल गांधी के भाषण के दौरान ही उल्लेख किया कि विपक्ष ने संसद के पिछले सत्र में लोकसभा और राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के दौरान व्यवधान पैदा किया था.
राहुल ने बिरला से मीडिया पर ‘पाबंदियां’ हटाने का आग्रह किया
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अध्यक्ष ओम बिरला से संसद परिसर के भीतर मीडिया पर लगाए गए कथित प्रतिबंधों को हटाने का आग्रह किया. बाद में, लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने पत्रकारों के एक समूह से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सभी शिकायतों का समाधान किया जाएगा और उन्हें अपने कर्तव्य के निर्वहन के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, ”सर, मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि पिंजरे में कैद मीडिया को बाहर निकलने की अनुमति दी जाए.” मीडियाकर्मी संसद भवन के प्रवेश और निकास द्वार के पास संसद सदस्यों के बयान कैमरे में रिकॉर्ड करते हैं, लेकिन अब उन्हें उनके लिए बनाए गए घेरे तक ही सीमित कर दिया गया है.
बिरला ने राहुल गांधी को संसद की प्रक्रियाओं के नियमों की याद दिलाई और कहा कि ऐसे मुद्दों पर उनके साथ व्यक्तिगत रूप से चर्चा करनी चाहिए और सदन के पटल पर नहीं उठाना चाहिए. गांधी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं -तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मीडिया परिसर में मीडियार्किमयों से मुलाकात की. ओ’ब्रायन ने कहा, ”यह सेंसरशिप है. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है. हम इस लड़ाई में आपके साथ हैं.”