केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में फंसे मजदूरों और छात्रों को घर भेजने की अनुमति दे दी है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि प्रवासी कामगार मजदूरों को आखिरकार अपने राज्य वापस लौटने का आदेश मिल गया है. केंद्र सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है. इसके साथ ही गहलोत ने यह भी कहा है कि प्रवासी मजदूरों की वापसी तभी संभव हो पाएगी जब केंद्र सरकार भारतीय रेलवे को फिर से ऑपरेशनल होने का आदेश देगी. यानी कि अगर केंद्र सरकार ट्रेन सेवा बहाल कर दे तो इन लोगों को आसानी से वापस भेजा जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में राजस्थान को अलग अलग राज्यों से छह लाख मजदूरों का आवेदन मिला है. ये मजदूर तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम और नॉर्थ ईस्ट जैसे इलाकों से हैं. ऐसे में केंद्र सरकार को मेरी यही सलाह होगी कि ट्रेन सेवा के जरिए इन सभी को गंतव्य स्थल तक पहुंचाने का काम किया जाए.
क्या है गृह मंत्रालय का फैसला?
दरअसल, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और छात्रों की आवाजाही के लिए नई गाइडलाइन तैयार की है. नई गाइडलाइन के तहत फंसे हुए लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा जा सकेगा.
केंद्र सरकार ने बुधवार को एक नई गाइडलाइन जारी की है. जिसके मुताबिक अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और छात्रों को अपने घर भेजने की तैयारी है. इसके लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने नोडल अधिकारी नियुक्त करने और फंसे हुए व्यक्तियों को वापस भेजने और लेने के लिए एक एसओपी की तैनाती करनी होगी. नई गाइडलाइन के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के इच्छुक लोगों के लिए राज्यों को आपस में बात करनी होगी.
एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजे जा रहे लोगों की जांच की जाएगी. जांच के बाद ही लोगों को आगे भेजा जाएगा. अपने गंतव्य पर पहुंचने पर ऐसे लोगों को स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के जरिए क्वारनटीन किया जाएगा. साथ ही इन सभी लोगों को आरोग्य सेतु ऐप के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.