राज्यसभा में आज कांग्रेस की ओर से कश्मीर में स्थिति और इंटरनेट नहीं चलने, छात्रों की पढ़ाई बाधित होने का मुद्दा उठाया गया। कांग्रेस और विपक्षी दलों के सवाल के जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर में जल्द से जल्द इंटरनेट सुविधा बहाल हो, यह सरकार की भी प्राथमिकता है। गृहमंत्री ने कहा कि दवाइयों की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित की गई है और दवाई के लिए मोबाइल वैन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
गृहमंत्री ने कहा, इंटरनेट जल्द शुरू हो, हम भी मानते हैं
कश्मीर में इंटरनेट नहीं चलने का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त के बाद से स्कूल-कॉलेज पूरी तरह से नहीं खुले हैं। इंटरनेट नहीं चल रहा है और इससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। इसके जवाब में शाह ने कहा, ‘हम भी माननीय सदस्य की चिंता से सहमत हैं कि कश्मीर में इंटरनेट जल्द से जल्द पूरी तरह से बहाल हो। हालांकि, मैं याद दिलाना चाहूंगा कि 95-96 में देश में मोबाइल फोन आया, लेकिन कश्मीर में इसकी शुरुआत 2003 में ही हो सकी। सुरक्षा का सवाल है सिर्फ इसलिए इंटरनेट बंद है। स्थानीय प्रशासन जब स्थिति को लेकर आश्वस्त हो जाएगी तो इंटरनेट भी शुरू हो जाएगा।’
इंटरनेट पर फैसला स्थानीय प्रशासन को लेना है
पाकिस्तान की ओर से सीमा पार से होनेवाली आतंकी घटनाओं और सुरक्षा कारणों से इंटरनेट पर पाबंदी की बात गृहमंत्री ने की।
‘5 अगस्त के बाद किसी आम नागरिक पर नहीं चली गोली’
कश्मीर में स्कूलों की स्थिति पर गृहमंत्री ने कहा, ‘20412 स्कूल खुले हैं और सुचारू रूप से परीक्षा चल रही है। 11वीं के 99.8% विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है। 10वीं और 12वीं के भी 99.7% विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है।’ उन्होंने विपक्ष के हालात कब तक सामान्य होंगे के सवाल पर कहा कि कश्मीर में हालात पूरी तरह से सामान्य हैं। पेट्रोल-डीजल की सप्लाइ में 16% तक की वृद्धि दर्ज की गई है। सेब की फसल सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि 5 अगस्त के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में काफी कमी आई है और इस दौरान किसी आम नागरिक के ऊपर गोली नहीं चली है।
आजाद से बोले शाह, ‘रेकॉर्ड के आधार पर चैलेंज करें’
जवाब देते वक्त विपक्षी सांसदों की ओर से कई बार आपत्ति दर्ज की गई। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद को चैलेंज करते हुए अमित शाह ने कहा, ‘मैं गुलाम नबी आजाद जी को कहना चाहता हूं कि रेकॉर्ड के आधार पर वह आंकड़ों को चैलेंज करें। सत्य को झुठलाया नहीं जा सकता है। मैं सिर्फ यही कहना चाहूंगा कि आप जो स्थिति है, उसे भी समझें सिर्फ अपने मन में जो है उसे ही न मानें।’