सरकार 10 साल पुराने सिविल और आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे पर जोर दे रही है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि वे हाई कोर्ट के सभी चीफ जस्टिस को लंबित पड़े 10 साल पुराने सिविल और आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे के लिए पत्र लिखेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार केवल बुनियादी ढांचा दे सकती है लेकिन अदालत की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकती. कानून मंत्री बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) नेता दानिश अली के सवाल का जवाब दे रहे थे. दानिश अली पश्चिमी यूपी के लिए हाईकोर्ट बेंच की मांग कर रहे थे.
रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि मंत्रालय जेल के कैदियों की जाति और पंथ के आधार पर सूची नहीं देता है लेकिन वे अलग अलग हाईकोर्ट को पत्र भी लिख रहे हैं ताकि वे मुकदमे में फंसे लोगों के अधिकारों की रक्षा कर सकें. अगर कोई व्यक्ति अपने कार्यकाल का 50 फीसदी टर्म पूरा करता है और महिलाएं अपना 25 फीसदी टर्म पूरा करती हैं, तो अदालत उसे रिहा करने का फैसला ले सकती है.
बीएसएनएल मामले पर भी चर्चा
इसके अलावा रविशंकर प्रसाद ने यह भी ऐलान किया कि सरकारी मोबाइल कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को फिर से जिंदा करने के लिए सरकार पूरी कोशिक कर रही है. सरकार का जोर इसे लाभ देने वाली कंपनी बनाने पर है.
पिछले महीने केंद्र सरकार ने बदहाली का शिकार बन चुकी पीएसयू कंपनी बीएसएनएल और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) में नई जान फूंकने के लिए उनके विलय को हरी झंडी देते हुए उन्हें सॉवरेन बांड के माध्यम से 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति दे दी. साथ ही, सार्वजनिक क्षेत्र की इन कंपनियों को 2016 के मूल्य पर 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जाएगा.