राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पहले के किसी भी चुनाव के मुकाबले 2014 के आमचुनाव को लेकर बेहद सक्रिय है। पी7 को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तीन दिन पहले नागपुर में संघ की एक बेहद अहम बैठक हुई है जिसमें तमाम प्रांत प्रचारकों के साथ संघ के बड़े नेता मौजूद थे। बैठक में नरेंद्र मोदी को अगले आमचुनाव के लिए पूरी कमान सौंपने की बात हुई और कहा गया कि टिकटों…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पहले के किसी भी चुनाव के मुकाबले 2014 के आमचुनाव को लेकर बेहद सक्रिय है। पी7 को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तीन दिन पहले नागपुर में संघ की एक बेहद अहम बैठक हुई है जिसमें तमाम प्रांत प्रचारकों के साथ संघ के बड़े नेता मौजूद थे। बैठक में नरेंद्र मोदी को अगले आमचुनाव के लिए पूरी कमान सौंपने की बात हुई और कहा गया कि टिकटों के बंटवारे में भी उन्हीं की भूमिका सबसे अहम रहेगी।
सूत्रों की मानें तो आरएसएस ने साफ कर दिया है कि पार्टी में सिर्फ एक ही व्यक्ति की आवाज सुनी जाएगी और वह है नरेंद्र मोदी। माना जा रहा है कि इस बारे में किसी ने भी कोई आवाज नहीं उठाई है और अब मोदी के नेतृत्व में ही बीजेपी को चुनाव लड़ने के लिए तैयार होने के लिए भी कहा गया है।
हालांकि बीजेपी में मोदी की बढ़ती ताकत से पार्टी के अंदर भी विरोध के सूर उठने लगे हैं। गोवा में जब मोदी को बीजेपी चुनाव प्रचार की कमान सौंपी गई थी तो वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। काफी मनाने के बाद उन्होंने तो इस्तीफा वापस ले लिया लेकिन इसी बात से नाराज बीजेपी और जेडीयू का लंबे समय से आ रहा गठबंधन भी टूट गया।
खैर अब माना जा रहा हैं कि आरएसएस ने कड़े शब्दों में इस बात को कह दिया है कि मोदी को लेकर सभी लोगों की पार्टी में एक राय होनी चाहिए और अगर कोई भी व्यक्ति उनका विरोध करता है तो उसपर कार्रवाई भी की जाएगी। अब ऐसे में देखना होगा कि मोदी के लिए दिल्ली की गद्दी की तरफ बढ़ाए गए कदम में और कितनी उड़चने आती हैं।