टूटी दुकानें, अंधेरी खिड़कियां और सड़कों पर बिखरा कन्क्रीट का मलबा। जमीन पर पड़ी एक टूटी हुई छत, समुद्र के किनारे कीचड़ से फंसा एक जहाज और चारों तरफ फैला एक अजीब सा सन्नाटा। यह नजारा सूनामी से तबाह हुए जापान के परमाणु क्षेत्र का है।गूगल के स्ट्रीट व्यू के जरिए वर्ष 2011 में आए शक्तिशाली भूकंप और सूनामी के बाद हुई परमाणु त्रासदी में तबाह हुए शहर नेम… टूटी दुकानें, अंधेरी खिड़कियां और सड़कों पर बिखरा कन्क्रीट का मलबा। जमीन पर पड़ी एक टूटी हुई छत, समुद्र के किनारे कीचड़ से फंसा एक जहाज और चारों तरफ फैला एक अजीब सा सन्नाटा। यह नजारा सूनामी से तबाह हुए जापान के परमाणु क्षेत्र का है।गूगल के स्ट्रीट व्यू के जरिए वर्ष 2011 में आए शक्तिशाली भूकंप और सूनामी के बाद हुई परमाणु त्रासदी में तबाह हुए शहर नेमी की भुतहा बन चुकी गलियों में दुनिया को झांकने का मौका मिलेगा। कैमरों से लैस गाडि़यों के जरिए ली गई तस्वीरों से लोग घर बैठे ही अपने कंप्यूटर पर गूगल व्यूज द्वारा दक्षिणी ध्रुव और ग्रैंड कैन्यन जैसे दुर्गम स्थानों के नजारों का लुत्फ ले सकते हैं।अब यह गूगल व्यूज लोगों को जापान के तबाह हुए परमाणु क्षेत्र नेमी शहर की गलियों में ले जाएगा। दो साल पहले फुकुशीमा दाइची परमाणु संयंत्र से निकल रहे विकिरण के कारण यहां रह रहे 21,000 लोगों को अपना घर-बार छोड़ कर यहां से जाना पड़ा था, जो अब भी यहां लौट नहीं पाए हैं। नेमी शहर के महापौर त्मात्सू बाबा ने कहा कि गूगल पर इन तस्वीरों को देख कर पुराने दिनों की यादें ताजा हो जाती हैं। उन्होंने इन तस्वीरों में एक स्थान को पहचाना जहां शरद उत्सव आयोजित हुआ करता था और स्कूल को भी पहचाना जहां कभी बच्चों की भीड़ लगी रहती थी।उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि भूकंप, सूनामी और परमाणु त्रासदी से तबाह हुए नेमी-माचि शहर की इन तस्वीरों को हमेशा के लिए सहेज कर रखा जाए।’ वर्ष 2007 में शुरू हुए इस स्ट्रीट व्यू पर आज दुनिया भर के 48 देशों के तीन हजार से ज्यादा शहरों की तस्वीरें मौजूद हैं।