जमानत रद्द होते ही कोर्ट से भागे पाक के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ

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इमालवा – इस्लामाबाद | पाकिस्‍तान की सियासत में फिर से पांव जमाने की कोशिश कर रहे पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भारी मुसीबत में घिर गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है और अब उनकी गिरफ्तारी तय है. पुलिस उन्‍हें गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पहुंच गई है.

इससे पहले आज सुबह इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मुशर्रफ की जमानत अर्जी खारिज कर उनकी गिरफ्तारी का फरमान जारी कर दिया था. कोर्ट का फैसला सुनते ही मुशर्रफ अदालत परिसर से फरार हो गए. उन्‍होंने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन वहां भी उनके हाथ निराशा ही लगी. 

मुशर्रफ इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में स्थित अपने फार्महाउस में मौजूद हैं. उनके साथ कानूनी विशेषज्ञ भी हैं. मुशर्रफ को उनके फार्महाउस में ही नजरबंद बनाने की तैयारी चल रही है. मुशर्रफ की सुरक्षा को वहां से हटाया जा रहा है और स्थानीय पुलिस ने फार्महाउस को घेर लिया है.

परवेज मुशर्रफ की गिरफ्तारी का आदेश जजों को नजरबंद किए जाने के मामले में आया है. गिरफ्तार किए जाने की सूरत में मुशर्रफ का पाकिस्तान की राजनीति में वापसी करने का सपना चकनाचूर हो सकता है.

इससे पहले 12 अप्रैल को ही मुशर्रफ आपातकाल से संबंधित आरोपों का जवाब देने के लिए इस्लामाबाद की अदालत में पेश हुए थे.

मुशर्रफ के खिलाफ ‘गीदड़ भागा’ के नारे
पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ के कोर्ट पहुंचने बाद वकीलों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने मुशर्रफ के खिलाफ जमकर नारे लगाए. खबरों के मुताबिक वकील मुशर्रफ के विरोध में ‘गीदड़ भागा’ जैसे नारे लगाते हुए सुने गए.

क्‍या है पूरा मामला…
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ ये मामला जजों को नजरबंद करने से जुड़ा है. नवंबर 2007 में मुशर्रफ ने 60 जजों को नजरबंद करवा दिया था. पाकिस्तान के चीफ जस्टिस इफ्तेखार मुहम्मद चौधरी भी नजरबंद किए गए जजों में शामिल थे.

अगस्त 2009 में चौधरी मुहम्मद गुलाम नाम के एक वकील ने मुशर्रफ के खिलाफ़ एफआईआर लिखाई थी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी.

जब मुशर्रफ पाकिस्तान से बाहर थे तब इसी मामले में निचली अदालत ने मुशर्रफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और कई आदेशों के बाद भी अदालत में पेश न होने पर उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था और अदालत ने पिछले साल 19 दिसंबर को मुशर्रफ के नाम वारंट जारी किया था.

मुशर्रफ के वकील ने अदालत को बताया था कि देश से बाहर होने के कारण वह अदालत में पेश नहीं हो सकते. बाद में मुशर्रफ को अस्थायी जमानत मिल गई और इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अवधि 18 अप्रैल तक बढ़ा दी थी.

पिछले हफ्ते 12 अप्रैल को मुशर्रफ ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गुहार लगाई तो उन्हें 6 दिनों की राहत मिल गई.

आज हाईकोर्ट ने मुशर्रफ की अर्जी खारिज कर दी और उनकी गिरफ्तारी का फरमान जारी कर दिया.

गौरतलब है कि मुशर्रफ देश पर आपातकाल थोपने, देशद्रोह, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या और बलूच नेता नवाब अकबर बुगती की 2006 में हुई हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं.