पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर पेशावर कोर्ट ने ताउम्र चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोर्ट ने मुशर्रफ की याचिका खारिज कर दी है। मुशर्रफ ने पेशावर कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान वापिस आने के बाद अब तक कई झटके लग चुके हैं, लेकिन पेशावर कोर्ट का यह झटका उनको क…
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर पेशावर कोर्ट ने ताउम्र चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोर्ट ने मुशर्रफ की याचिका खारिज कर दी है। मुशर्रफ ने पेशावर कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान वापिस आने के बाद अब तक कई झटके लग चुके हैं, लेकिन पेशावर कोर्ट का यह झटका उनको काफी भारी लगा है। इस झटके बाद उनका राजनीतिक करियर खत्म हो गया है। पेशावर कोर्ट ने मशर्रफ पर यह प्रतिबंध साल 2007 में इमर्जेंसी के दौरान दो बार संविधान निरस्त करने और जजों को नजरबंद करने की सजा के रूप में लगाया है। हालांकि मुशर्रफ ने अभी हार नहीं मानी है और उनका कहना है कि वह पेशावर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।मुख्य न्यायाधीश दोस्त मुहम्मद खान की अध्यक्षता वाली पेशावर हाई कोर्ट के 4 न्यायाधीशों की पीठ ने यह प्रतिबंध लगाया और मुशर्रफ की 11 मई को होने वाले आम चुनाव के लिये नामांकन पत्र को नामंजूर किये जाने को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया।कोर्ट की पीठ ने कहा कि आजीवन प्रतिबंध इसलिये लगाया गया है क्योंकि मुशर्रफ ने दो बार संविधान को निरस्त किया और वर्ष 2007 में आपातकाल के दौरान न्यायाधीशों को हिरासत में लिया। उसने कहा कि मुशर्रफ को राष्ट्रीय, प्रांतीय और सीनेट के चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाता है।बता दें कि इससे पहले चुनाव अधिकारियों ने मुशर्रफ के सत्ता में रहने के दौरान किये गये कृत्यों की वजह से इस्लामाबाद, पंजाब, सिंध और खबर-पख्तूनख्वा में चार संसदीय सीटों से उनके नामांकन पत्र को खारिज कर दिया था।