भारत और यूक्रेन ने शुक्रवार को चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए और रक्षा, व्यापार, चिकित्सा, हरित ऊर्जा और शिक्षा समेत कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों नेताओं ने वार्ता के दौरान संबंधों को व्यापक साझेदारी से बढ़ाकर रणनीतिक साझेदारी बनाने की दिशा में काम करने में पारस्परिक रुचि भी व्यक्त की। रक्षा सहयोग के महत्व को रेखांकित करते हुए मोदी और जेलेंस्की ने भारत में सैन्य उपकरणों के विनिर्माण के लिए संयुक्त सहयोग एवं साझेदारी और इस क्षेत्र में मजबूत संबंध बनाने की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की। मोदी आज सुबह एक विशेष ट्रेन से कीव पहुंचे।
यह 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा है। हालांकि मोदी-जेलेंस्की की वार्ता मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष पर केंद्रित रही, लेकिन विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि व्यापार, आर्थिक मुद्दों, रक्षा, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि, शिक्षा पर चर्चा हुई। जयशंकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों नेताओं ने भारत-यूक्रेन अंतर-सरकारी आयोग को विशेष रूप से व्यापार और आर्थिक संबंधों के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का जिम्मा सौंपा।
एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि वार्ता के दौरान यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया। वार्ता के बाद हस्ताक्षरित चार समझौते कृषि, खाद्य उद्योग, चिकित्सा, संस्कृति और मानवीय सहायता के क्षेत्रों में सहयोग से संबंधित हैं। बयान में कहा गया है, “दोनों नेताओं ने व्यापार और वाणिज्य, कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अलावा डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, उद्योग, विनिर्माण, हरित ऊर्जा आदि जैसे क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी की संभावना तलाशने पर चर्चा की।”
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन को ‘भीष्म क्यूब’ भेंट किए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की और सरकार को चार भीष्म (भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल) क्यूब्स भेंट किए। प्रधानमंत्री सुबह पोलैंड से विशेष ट्रेन से कीव पहुंचे और वहां यूक्रेन के प्रथम उपप्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि मोदी ने यूक्रेन सरकार को चार ‘भीष्म क्यूब्स’ भेंट किए। इसमें कहा गया कि जेलेंस्की ने क्यूब्स की मानवीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया, जिससे घायलों के उपचार में तेजी आएगी और बहुमूल्य जीवन बचाने में मदद मिलेगी। बयान में कहा गया है कि प्रत्येक भीष्म क्यूब में सभी प्रकार की चोटों और चिकित्सा स्थितियों के लिए प्राथमिक देखभाल से जुड़ी दवाइयां और उपकरण शामिल हैं। बयान के मुताबिक, “इसमें बुनियादी ऑपरेशन कक्ष के लिए सर्जिकल उपकरण भी शामिल हैं जो प्रतिदिन 10-15 बुनियादी सर्जरी सुनिश्चित कर सकते हैं।
बड़े काम के हैं ‘भीष्म क्यूब’
‘भीष्म क्यूब’ में तरह-तरह की आपातकालीन चिकित्सीय स्थिति जैसे आघात लगने, रक्तस्राव होने, जल जाने, हड्डी टूटने, इत्यादि के लगभग 200 मरीजों का इलाज करने की क्षमता है। इसमें सीमित मात्रा में अपनी जरूरत की बिजली और ऑक्सीजन भी उत्पन्न हो सकती है। यूक्रेन की चिकित्सा टीम को ‘भीष्म क्यूब’ के संचालन का प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारतीय विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की गई है।” इन क्यूब्स को एक ऐसे ढांचे पर रखा जाता है जो समायोज्य (अड्जस्टबल) एवं मजबूत होता है और वायु, समुद्र, भूमि तथा ड्रोन द्वारा लाया व ले जाया जा सकता है। वास्तव में, मिनी क्यूब्स को एक व्यक्ति द्वारा ले जाया जा सकता है, क्योंकि उनका अधिकतम वजन 20 किलोग्राम है। यह पहल यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करने की भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। प्रधानमंत्री ने कीव स्थित ‘स्कूल ऑफ ओरिएंटल स्टडीज’ में हिन्दी भाषा सीख रहे यूक्रेनी छात्रों से भी बातचीत की और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने में उनके योगदान की सराहना की।
यूक्रेन-रूस साथ बैठकर युद्ध से बाहर निकलने के रास्ते तलाशें: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को जेलेंस्की के साथ व्यापक वार्ता की और यूक्रेन तथा रूस के बीच जारी संघर्ष का समाधान निकालने के लिए एक-दूसरे से बातचीत की जरूरत पर बल दिया और कहा कि भारत, शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। मोदी ने चर्चा के दौरान एक ऐसा अभिनव समाधान विकसित करने के लिए सभी हितधारकों के बीच ‘व्यावहारिक बातचीत’ की आवश्यकता जताई जो व्यापक स्वीकार्यता बनाने में मदद करे और क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता में योगदान दे सके। वार्ता के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और उन्हें इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने होंगे। आज मैं यूक्रेन की धरती पर आपके साथ शांति और आगे बढ़ने के मार्ग पर विशेष रूप से चर्चा करना चाहता हूं।”
मोदी ने युद्ध में मारे गये बच्चों पर केंद्रित प्रदर्शनी को देखा, एक गुड़िया भेंट की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को रूस-यूक्रेन संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले बच्चों को श्रद्धांजलि दी। पोलैंड से यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचने के तुरंत बाद मोदी का स्वागत यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यहां ‘यूक्रेनी इतिहास का राष्ट्रीय संग्रहालय’ में स्थित शहीद बच्चों पर केंद्रित मल्टीमीडिया प्रदर्शनी में किया। हाथ मिलाने के बाद मोदी ने जेलेंस्की को गर्मजोशी के साथ गले लगाया और जैसे ही दोनों नेता मल्टीमीडिया प्रदर्शनी की ओर बढ़े, जेलेंस्की के कंधे पर उन्होंने हाथ रखा जो उनके समर्थन का प्रतीक है। प्रदर्शनी के तहत मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों में युद्ध के दौरान मारे गए कई बच्चों के बारे में जानकारी दी गई थी। इस प्रदर्शनी को देखने के बाद मोदी और जेलेंस्की एक दीवार जैसी संरचना के सामने मौन खड़े थे, जिसमें पहले से ही बच्चों की याद में बहुत सारे खिलौने रखे हुए थे। जब यूक्रेन के राष्ट्रपति ने स्मारक पर एक खिलौना ‘टेडी बियर’ रखा तो मोदी ने एक छोटा खिलौना (गुड़िया) रखने से पहले हाथ जोड़कर मौन प्रार्थना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को साथ देने का दिलाया भरोसा
प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को भरोसा दिलाते हुए कहा, ‘‘भारत, शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें योगदान दे सकता हूं तो मैं ऐसा जरूर करना चाहूंगा। एक मित्र के रूप में, मैं आपको इसका विश्वास दिलाता हूं।” मोदी ने वार्ता के दौरान अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, ”हम (भारत) तटस्थ नहीं हैं। शुरू से ही हम पक्षकार रहे हैं। और हमने शांति का पक्ष चुना है। हम बुद्ध की भूमि से आए हैं जहां युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है।” उन्होंने कहा, ”हम महात्मा गांधी की धरती से आए हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया।” प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को बताया कि वह भारत के साथ ही ‘ग्लोबल साउथ’ के शांति के संदेश के साथ कीव आए हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के लोग भी जानते हैं कि भारत का शांति प्रयासों में सक्रिय योगदान रहा है और उसका दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको और पूरे विश्व समुदाय को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह भारत की प्रतिबद्धता है और हम मानते हैं कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है और हम इसका समर्थन करते हैं।”
मोदी ने पुतिन से हुई वार्ता का भी जिक्र किया
प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की की मौजूदगी में अपनी रूस यात्रा और उस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हुई वार्ता का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति से स्पष्ट शब्दों में कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि किसी भी समस्या का समाधान कभी भी रणभूमि में नहीं होता है। समाधान केवल बातचीत, संवाद और कूटनीति के माध्यम से होता है और हमें समय बर्बाद किए बिना उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।” प्रधानमंत्री मोदी ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि भारत का प्रधानमंत्री आज पहली बार यूक्रेन की धरती पर आया है। यूक्रेन के 1991 में स्वतंत्र होने के बाद यह भारतीय प्रधानमंत्री की देश की पहली यात्रा है और यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब यूक्रेन ने हाल में रूसी क्षेत्र में आक्रामक सैन्य अभियान चला रखा है। युद्ध की शुरुआत में भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी में मदद के लिए मोदी ने जेलेंस्की का आभार जताया। रूस ने 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर हमला किया था। तब से लेकर अभी तक दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है। इस युद्ध में अब तक दोनों तरफ के बड़ी संख्या में लोग मारे जा चुके हैं जबकि लाखों की संख्या में लोग यूक्रेन छोड़कर चले गए हैं।