वर्ष 2002 के मध्य में पाकिस्तान पहुंचा था ओसामा: रिपोर्ट

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ओसामा बिन लादेन का परिवार अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 को हमले के कुछ दिनों बाद ही पाकिस्तान में दाखिल हुआ था, जबकि तत्कालीन अलकायदा सरगना ओसामा मध्य 2002 में पेशावर पहुंचा।समाचार पत्र डॉन के अनुसार ऐबटाबाद आयोग की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई, लेकिन इसके कुछ अंश मीडिया में आए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अ… वर्ष 2002 के मध्य में पाकिस्तान पहुंचा था ओसामा: रिपोर्ट

ओसामा बिन लादेन का परिवार अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 को हमले के कुछ दिनों बाद ही पाकिस्तान में दाखिल हुआ था, जबकि तत्कालीन अलकायदा सरगना ओसामा मध्य 2002 में पेशावर पहुंचा।समाचार पत्र डॉन के अनुसार ऐबटाबाद आयोग की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई, लेकिन इसके कुछ अंश मीडिया में आए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका पर हमले के मामले में खालिद बिन अतास को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया। साल 2002 में हुई यह गिरफ्तारी सबसे पहली सफलता थी।अतास कुवैत में पैदा हुए पाकिस्तानी नागरिक अहमद अली कुवैती की पहचान की थी। कुवैती ओसामा का दाहिना हाथ और संदेशवाहक था। इस तक पहुंचकर ही अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के लोग ओसामा तक पहुंचे थे।मई, 2011 में ऐबटाबाद में अमेरिका के विशेष सुरक्षा बलों की कार्रवाई में ओसामा मारा गया था।रिपोर्ट के अनुसार कुवैती तक पहुंचने के प्रयास में जुटी सीआईए ने 2009 से 2010 के बीच पाकिस्तान को चार फोन नंबर दिए, हालांकि उसने इसका खुलासा नहीं किया कि ये नंबर किसके हैं। ज्यादातर समय ये फोन बंद रहते थे। आईएसआई ने इस मामले के संदर्भ और फोन नंबर के स्वामी की पहचान जाने बिना ही सीआईए को लंबे समय तक अंधेरे में रख रखा था।ऐबटाबाद जांच आयोग की रिपोर्ट में कुवैती के बारे में कहा गया है कि आयोग ने पाया कि वह अक्तूबर-.नवंबर 2001 में उस वक्त ओसामा के परिवार के साथ था जब वे लोग कराची में दाखिल हुए थे।इसमें कहा गया है, साल 2002 में जब ओसामा का परिवार पेशावर पहुंचा तो कुवैती उनके साथ था। 2002 के मध्य में ओसामा भी परिवार के साथ आ गया।पेशावर से ये लोग स्वात चले गए जहां खालिद शेख मोहम्मद भी उनके पास गया था।कुवैती के साथ उसका भाई अबरार भी ओसामा के साथ था। ये सभी लोग 2005 तक हरिपुर में रहे थे। बाद में ये लोग कुवैती की योजना के मुताबिक ऐबटाबाद पहुंचे। यहीं पर ओसामा और उसका परिवार रहने लगे।