इस्लामाबाद। अपने भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह से अपनी मुलाकात से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि उनकी सरकार भारत के साथ प्रगाढ रिश्ते चाहती है। उन्होंने कहा कि कश्मीर सहित सभी मुद्दे बातचीत के जरिए सुलझाए जाने चाहिए। पाक पीएम ने कहा कि दोनों देश रक्षा पर भारी खर्च कर रहे हैं जो सामाजिक क्षेत्रों में खर्च किया जाना चाहिए था। शरीफ ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ साक्षात्कार में कहा कि मैं गर्व महसूस करता हूं कि मैं वह व्यक्ति हूं जो दोनों देशों को करीब लेकर आया। भारतीय प्रधानमंत्री (अटल बिहारी वाजपेयी) अपनी पहली राजकीय यात्रा पर पाकिस्तान (1999 में) आए। अब हम वहीं से शुरूआत कर रहे हैं जहां हमने 1999 में छोडा था। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर रविवार को मनमोहन से शरीफ की मुलाकात निर्धारित है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने चुनावों से पहले ही अपनी नीति स्पष्ट कर दी थी।
उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि हम भारत के साथ मजबूत संबंध चाहते हैं, हम भारत के साथ कश्मीर सहित अपनी सभी समस्याओं का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। मैंने कहा था कि यदि हम निर्वाचित होते हैं तो मैं भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढाऊंगा । संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने के लिए फिलहाल अमेरिका में मौजूद शरीफ ने कहा कि उनकी पार्टी पीएमएल-एन ने चुनावों में अत्यंत स्पष्ट बहुमत हासिल किया &द्दह्ल;इसलिए मेरा मानना है कि लोगों ने भारत के साथ दूरियां पाटने की हमारी नीति का वास्तव में समर्थन किया। भारत के साथ बेहतर संबंधों के पैरोकार शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान, भारत के साथ अपना व्यापार बढाने को उत्सुक है।
उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ अपने आर्थिक संबंध मजबूत करना चाहते हैं। हमारा व्यावसायिक समुदाय अपने भारतीय समकक्षों तक पहुंच बनाने के लिए उत्सुक है। शरीफ ने कहा, नि:संदेह हम कश्मीर मुद्दे का समाधान चाहते हैं, जो हमारे संबंधों में प्रमुख बिन्दु है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लेख किया जो कश्मीर में जनमत संग्रह का आह्वान करता है। उन्होंने कहा कि हम पहले ही सहमत हो चुके हैं कि हमें शांतिपूर्ण माध्यमों से, समझौतों और वार्ताओं के जरिए तथा मेज पर बैठकर कश्मीर मुद्दे का समाधान करना चाहिए। शरीफ ने कहा कि सियाचिन का मुद्दा दोनों देशों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “दोनों देशों की सेनाएं 22,000 फुट से अधिक की उंचाई पर बैठी हैं। मेरी समझ में नहीं आता कि इस आधुनिक युग में सेनाओं के 22,000 फुट की उंचाई पर बैठने का क्या तुक है। मेरा मानना है कि हमें इस मुद्दे को भी सुलझाना चाहिए।” पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, और तब, सर Rीक का मुद्दा है जिसे सुलझाए जाने की आवश्यकता है।” उन्होंने उल्लेख किया कि दोनों देश रक्षा क्षेत्र पर भारी भरकम खर्च कर रहे हैं। शरीफ ने कहा, “हम यह बहुमूल्य धन, अपने संसाधन, खर्च कर रहे हैं जो सामान्यतया सामाजिक क्षेत्रों में खर्च किया जाना चाहिए था, वह एफ-16, फ्रिगेट्, टैंक और महंगी पनडुब्बियां खरीदने में खर्च हो रहा है।