फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव्स ली ड्रियान ने आज कहा कि विदेशों से होने वाले साइबर हमलों से निपटने के लिए फ्रांस अपने साइबर सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेगा।फ्रांसिसी साप्ताहिक ली जर्नल डु दिमांचे के साथ साक्षात्कार में ड्रियान ने कहा कि विदेशों से होने वाले साइबर हमलों के मामले में फ्रांस को भी वैसा ही खतरा है जैसा अमरीका को है।
ड्रियान ने कहा कि फ्रांस में आधारभूत सुविधाओं जैसे पानी,बिजली, दूरसंचार और परिवहन सेवाओं के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रणाली तथा मीडिया पर भी साइबर हमलों का वास्तविक खतरा है।गौरतलब है कि अमरीकी खुफिया एजेंसियों ने शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया कि हाल ही हुए राष्ट्रपति चुनावों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के इशारे पर साइबर हमलों के जरिए डैमोक्रेटिक पार्टी के जुड़ी सूचनाएं हैक कर रिपब्लिकन पार्टी को फायदा पहुंचाया और इसका नुकसान डैमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को उठाना पडा।
इस बारे में जब ड्रियान से पूछा गया कि क्या फ्रांस ऐसे हमलों से बच सकता है तो उन्होंने कहा नहीं,बिल्कुल नहीं,लेकिन हमें इतना सीधा भी नहीं होना चाहिए कि कोई हमारी गोपनीय सूचनाओं तक आसानी से पहुंच बना ले।फ्रांस में इस साल अप्रैल-मई में राष्ट्रपति चुनाव होने है और कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार फ्रांस्वा फिल्लॉन ने पुतिन की तारीफ करते हुए रूस से अच्छे रिश्तों की वकालत की है।दक्षिणपंथी उम्मीदवार मारिन ले पेन ने भी रूस से अच्छे रिश्ते रखने की बात कही है।
यूक्रेन के क्रीमिया पर रूस के कब्जे और सीरिया गृह युद्ध में रूस की भूमिका के कारण दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण है। फ्रांस के राष्ट्रपति और सोशलिस्ट पार्टी के नेता फ्रांस्वा ओलांद ने रूस को दिए जाने वाले युद्धपोतों के खरीद आर्डर को रद्द कर दिया और क्रीमिया मामले में रूस पर प्रतिबंध लगाने में अहम भूमिका निभाई है।ड्रियान ने कहा कि अमरीका के चुनावों में अगर वास्तव में हेरफेर की गई थी तो यह एक असहनीय हस्तक्षेप होगा,क्योंकि यह किसी देश की लोकतांत्रिक नींव और उसकी संप्रभुता पर हमला है।