चीन में नेतृत्व परिवर्तन के बाद से चीनी सेना अब मुखर होकर अपनी गतिविधियां चला रही है। जानकारों का कहना है कि वह अपने पड़ोसी देशों के लिए कड़ा संदेश भेजना चाहती है।इससे पहले के हू जिंताओ और वेन च्याबो के दौरे में चीन की सेना गोपनीय ढंग से अपनी गतिविधियां चल रही थी। परंतु शी चिनफिंग और ली क्विंग के सत्ता संभालने के बाद वह अपनी गतिविधियों को लेकर मुखर…
चीन में नेतृत्व परिवर्तन के बाद से चीनी सेना अब मुखर होकर अपनी गतिविधियां चला रही है। जानकारों का कहना है कि वह अपने पड़ोसी देशों के लिए कड़ा संदेश भेजना चाहती है।इससे पहले के हू जिंताओ और वेन च्याबो के दौरे में चीन की सेना गोपनीय ढंग से अपनी गतिविधियां चल रही थी। परंतु शी चिनफिंग और ली क्विंग के सत्ता संभालने के बाद वह अपनी गतिविधियों को लेकर मुखर हुई है।सरकारी चैनल सीसीटीवी के अलावा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के मुखपत्र पीएलए डेली और सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में नौसेना की गतिविधियों को खूब प्रचारित कर रहे हैं। इन दोनों क्षेत्रों में चीन का उसके पड़ोसी देशों के साथ विवाद चल रहा है।यहां के आधिकारिक मीडिया मलेशिया और ब्रुनेई के निकट के समुद्री क्षेत्र में प्रशिक्षण अभियान को खासतौर पर दुनिया के सामने लाने का काम किया है।गौरतलब है चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है। इसी को लेकर फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया और बु्रेनई के साथ सीमा संबंधी विवाद चल रहा है।